गोआश्रय में लगी मशीन, गोकाष्ठ से आत्मनिर्भर बनेगी गोशाला

जमीन हुसेनाबाद गोआश्रय में जिले की पहली गोकाष्ठ बनाने वाली मशीन लगा दी गई है। अब यह आश्रय आत्मनिर्भर बनेगी केयरटेकर बढ़ाए जाएंगे और बेसहारा पशुओं की सुविधाएं और बढ़ेंगी। साथ ही फेंके जाने वाले गोबर को भी सद्पयोग होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 11:03 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 11:03 PM (IST)
गोआश्रय में लगी मशीन, गोकाष्ठ से आत्मनिर्भर बनेगी गोशाला
गोआश्रय में लगी मशीन, गोकाष्ठ से आत्मनिर्भर बनेगी गोशाला

बाराबंकी : जमीन हुसेनाबाद गोआश्रय में जिले की पहली गोकाष्ठ बनाने वाली मशीन लगा दी गई है। अब यह आश्रय आत्मनिर्भर बनेगी, केयरटेकर बढ़ाए जाएंगे और बेसहारा पशुओं की सुविधाएं और बढ़ेंगी। साथ ही फेंके जाने वाले गोबर को भी सद्पयोग होगा। लोग गो काष्ठ का उपयोग कर सकते हैं। अस्थाई गोवंश आश्रय स्थल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश संरक्षण योजना पर काम शुरू हो गया है। सुबेहा स्थित गोआश्रय स्थल जमीन हुसेनाबाद में गोकाष्ठ मशीन को लगाया गया हैं। यह मशीन गांव के ग्राम प्रधान रामदीन साहू और उनके सहयोगी जितेंद्र प्रताप सिंह ने गोआश्रय में लगवाई है।

गोकाष्ठ मशीन का प्रयोग : गो काष्ठ मशीन में एक श्रमिक मशीन में गोबर डालता है। दूसरा श्रमिक डंडे से गोबर को दबाता है और तीसरा श्रमिक मशीन से बने लट्ठे को निकालकर जमीन पर रखता है। गोबर से बने गोकाष्ठ : उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राकेश कुमार, ने बताया कि गोबर से बने गोकाष्ठ का उपयोग घरों में खाना बनाने, ईंट भट्टा पर कोयला की जगह ईंधन के रूप में, अलाव जलाने व शवदाह में लकड़ी की जगह गोकाष्ठ का उपयोग किया जा सकता है। वर्मी कंपोस्ट बनाने की दिशा में गोबर का गोकाष्ठ सहायक सिद्ध हो सकता है। बेसहारा पशुओं के गोमूत्र से फिनायल भी बनाया जा सकता है। -------

इनसेट : आर्थिक रूप से मजबूत होंगी गोशालाएं

गांव की महिलाओं को आर्थिक ²ष्टि से आत्मनिर्भर बनाने के लिए आधा दर्जन स्वयं सहायता समूह को गो आश्रय स्थल से जोड़ा गया है। समूह की महिलाएं बेहतर ढंग से महिलाओं को लट्ठे के प्रयोग के लिए प्रेरित करेंगी। इस कार्य में उनकी अहम भूमिका होंगी। हर ब्लाक में एक बड़ी गोशाला में गोकाष्ठ मशीन लगवाई जाएगी। ताकि गो काश्ठ को बेचकर गोशालाएं विकसित हो सकें और आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें।

-एकता सिंह, सीडीओ, बाराबंकी।

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