पटाखा के अवैध कारोबार में समां रहीं जिदगियां

जिले के करीब एक दर्जन गांव बारूद के ढेर पर हैं। इसमें अयोध्या सीमा पर स्थित धारूपुर कस्बा जैदपुर सहित जिले के कई गांव शामिल हैं। अब तक हुए विस्फोटों में दर्जनभर लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हो चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:58 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 10:58 PM (IST)
पटाखा के अवैध कारोबार में समां रहीं जिदगियां
पटाखा के अवैध कारोबार में समां रहीं जिदगियां

बाराबंकी : जिले के करीब एक दर्जन गांव बारूद के ढेर पर हैं। इसमें अयोध्या सीमा पर स्थित धारूपुर, कस्बा जैदपुर सहित जिले के कई गांव शामिल हैं। अब तक हुए विस्फोटों में दर्जनभर लोगों की जान जा चुकी है और कई लोग घायल हो चुके हैं। घटना के कुछ दिन बाद सब पुराने ढर्रे पर चलने लगता है। हादसों में न सिर्फ संबंधित गांव के लोग प्रभावित होते हैं, बल्कि इनसे निकलने वाली जहरीली गैस लोगों को गंभीर बीमारियों की गिरफ्त में ले जाती है। पेश है जिले में पटाखा कारोबार से हुईं मौतों पर एक रिपोर्ट.. कब कितनी गईं जान

-वर्ष 1997 में जैदपुर कस्बे में आबादी के मध्य घर में आतिशबाजी बनाते समय हुए विस्फोट में मुन्ना, रुकैया बानो, रेशमा बानो, व रमेश की मौत हो गई थी। -वर्ष 2003 में कस्बा बदोसराय में मो. रहीम के घर आतिशबाजी बनाते समय हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हुई थी। - 22 अक्टूबर 2007 की रात ठाकुरद्वारा वार्ड स्थित सुलेमान मनिहार के घर आतिशबाजी बनाई जा रही थी। अचानक हुए विस्फोट से सुलेमान की पत्नी कहरुलनिशा, पुत्र राजू, पौत्र कल्लू, इरफान, मो. असलम, पप्पू व मुनऊ की मौत हो गई थी। -28 मई 2013 में को रामसनेहीघाट के भिटरिया में आतिशबाजी बनाने समय हुए हादसे में चार लोगों की मौत हो गई थी। -वर्ष 2013 में कस्बा सतरिख के मुहल्ला पहेतिया के एक घर में अतिशाबाजी बनाने के दौरान विस्फोट हुआ था, जिसमें मो. सलीम की मौत हो गई थी।

-अयोध्या सीमा पर रामसनेहीघाट तहसील क्षेत्र के धारूपुर गांव में 25 दिसंबर 2018 को हुए धमाके में दो लोगों की मौत और छह लोग घायल हुए थे। गांव से एक ट्रक से अधिक विस्फोटक सामग्री मिली थी। यहां आपूर्ति की जाती है आतिशबाजी : रामसनेहीघाट, हैदरगढ़, मसौली, रामनगर, सूरतगंज व फतेहपुर में आतिशबाजी का कारोबार होता है। यहां की आतिशबाजी राजधानी लखनऊ के अलावा, कानपुर, अयोध्या, रायबरेली, अमेठी, सुलतानपुर, गोंडा, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बरेली, मुरादाबाद, बस्ती, आजमगढ़ आदि जिलों को आपूर्ति की जाती है।

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सीओ को एसडीएम के साथ जांच-पड़ताल करने के निर्देश दिए गए हैं, जहां भी अमानक दुकानें मिलती है, कार्रवाई की जाएगी।

डा. अवधेश सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, बाराबंकी।

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