निराश्रित बच्चों का अभिभावक बनेगा श्रम व शिक्षा विभाग

बिना मां-बाप के बच्चों का अभिभावक श्रम और शिक्षा विभाग बनेगा। बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा और उन्हें छात्रवृत्ति भी दी जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 11:09 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 11:09 PM (IST)
निराश्रित बच्चों का अभिभावक बनेगा श्रम व शिक्षा विभाग
निराश्रित बच्चों का अभिभावक बनेगा श्रम व शिक्षा विभाग

बाराबंकी: बिना मां-बाप के बच्चों का अभिभावक श्रम और शिक्षा विभाग बनेगा। बच्चों को किसी भी स्कूल में प्रवेश दिलाया जाएगा और उन्हें छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। अब बच्चों के चिन्हांकन में श्रम और बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय समितियों के माध्यम से शुरू हो गया है।

बाल श्रमिक विद्या योजना (कण्डीशनल कैश ट्रांसफर) योजना के तहत 100 बच्चों को लाभ देने के लिए जिले को लक्ष्य मिला है। ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता की धनराशि मिलेगी, जो निराश्रित बच्चे हैं या फिर बाल श्रमिक हैं। बालक है तो उसे प्रत्येक माह एक हजार रुपये और बालिकाओं को 1200 रुपये भरण पोषण और छात्रवृत्ति के लिए दिए जाएंगे। साथ ही चाहे निजी संस्थान हो या फिर सरकारी विद्यालय, जिसमें कक्षा दस तक निश्शुल्क शिक्षा मिलेगी।

70 फीसद देनी होगी उपस्थिति : किशोर व किशोरियों योजना के तहत कक्षा आठ, नौ व 10 की शिक्षा प्राप्त करते हैं तो उन्हें परीक्षा उत्तीर्ण करने पर छह हजार रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। शर्त यह रहेगी कि बच्चों को विद्यालय में 70 फीसद उपस्थिति दर्ज करानी होगी, जिसका प्रमाण पत्र प्रधानाध्यापक देंगे। शुरू होगी ई-ट्रैकिग सिस्टम : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि योजना के अंतर्गत अच्छादित सभी लाभार्थियों का विवरण आनलाइन ई-ट्रैकिग सिस्टम के तहत अपलोड होगा। यह सिस्टम यूनीसेफ व शिक्षा विभाग के सहयोग से तैयार किया गया है। ई-ट्रैकिग से प्रधानाध्यापक प्रत्येक वर्ष मई, सितंबर व जनवरी में उपस्थिति दर्ज करेंगे। यदि बच्चा लगातार अनुपस्थित रहता है तो स्कूल की प्रबंधन समिति घर पहुंचकर काउंसलिग करेगा। श्रम प्रवर्तन अधिकारी शरद कुमार ने बताया कि निराश्रित 100 बच्चों की सूची विद्यालय समिति को सौंप दी गई है। अब वह सत्यापन कर सुविधाएं देने का काम करेंगी।

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