कार्तिक पूर्णिमा पर, नदी के घाटों पर लगेगा मेला
कार्तिक पूर्णिणा मंगलवार को होगी। इस पावन मौके पर जीवनदायिनी नदियों के घाटों की भी पूजा होगी। घाटों पर मेला भी लगेगा। सतनामी संप्रदाय के आदि प्रवर्तक जगजीवन साहेब की गद्दी पर विशाल मेला लगेगा। यहां श्रद्धालु जगजीवन की समाधि पर श्रद्धालु अपनी उपज भी चढ़ाते हैं। जिले में कल्याणी गोमती घाघरा व सुमली नदी के तटों पर मेला लगता है। पंडित राम धीरज मिश्र शास्त्री ने बताया कि कृतिका नक्षत्र के संयोग से कार्तिक पूर्णिमा विशेष पुण्य देने वाली है। स्नान ध्यान के बाद दान करने से सुख संपन्नता आती है। शाम चार बजकर दो मिनट से रात 944 बजे तक भगवान चंद्रेश्वर का पूजन करना चाहिए। दूध व चावल का दान अच्छा माना जाता है। शिव जी की पूजा के साथ ही शिव मंदिर में घी का दीपक भी जलाना चाहिए।
बाराबंकी : कार्तिक पूर्णिणा मंगलवार को होगी। इस पावन मौके पर जीवनदायिनी नदियों के घाटों की भी पूजा होगी। घाटों पर मेला भी लगेगा। सतनामी संप्रदाय के आदि प्रवर्तक जगजीवन साहेब की गद्दी पर विशाल मेला लगेगा। यहां श्रद्धालु जगजीवन की समाधि पर श्रद्धालु अपनी उपज भी चढ़ाते हैं। जिले में कल्याणी, गोमती, घाघरा व सुमली नदी के तटों पर मेला लगता है। पंडित राम धीरज मिश्र शास्त्री ने बताया कि कृतिका नक्षत्र के संयोग से कार्तिक पूर्णिमा विशेष पुण्य देने वाली है। स्नान ध्यान के बाद दान करने से सुख संपन्नता आती है। शाम चार बजकर दो मिनट से रात 9:44 बजे तक भगवान चंद्रेश्वर का पूजन करना चाहिए। दूध व चावल का दान अच्छा माना जाता है। शिव जी की पूजा के साथ ही शिव मंदिर में घी का दीपक भी जलाना चाहिए।