विधिक शक्तियों को प्रयोग कर सकता है पीठासीन अधिकारी

लोक सभा चुनाव में मतदान के समय पीठासीन अधिकारी को विधिक शक्तियों के प्रयोग का अधिकार दिया गया है ताकि वह मतदान प्रक्रिया का संचालन व नियंत्रण कर सके। मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित लोक सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में डीएम उदयभानु त्रिपाठी ने बूथ पर मतदान प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Mar 2019 12:29 AM (IST) Updated:Wed, 27 Mar 2019 12:29 AM (IST)
विधिक शक्तियों को प्रयोग कर सकता है पीठासीन अधिकारी
विधिक शक्तियों को प्रयोग कर सकता है पीठासीन अधिकारी

बाराबंकी : लोक सभा चुनाव में मतदान के समय पीठासीन अधिकारी को विधिक शक्तियों के प्रयोग का अधिकार दिया गया है ताकि वह मतदान प्रक्रिया का संचालन व नियंत्रण कर सके। मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित लोक सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में डीएम उदयभानु त्रिपाठी ने बूथ पर मतदान प्रक्रिया से जुड़ी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दी।

उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्र पर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराना पीठासीन अधिकारी का प्रमुख कर्तव्य एवं दायित्व है। इलेक्ट्रानिक वोटिग मशीन तथा मतदान के संचालन के लिए बनाए गए नियमों के बारे में चुनाव आयोग की निर्देश पुस्तिका उपलब्ध कराई गई है जिसका अध्यन करना जरूरी है। ईवीएम के संचालन के बारे में भी निर्देश पुस्तिका है।

उन्होंने कहा कि पीठासीन अधिकारी निर्धारित काउंटर से मतदान सामग्री प्राप्त कर अपने दल के अन्य सदस्यों के सहयोग से उसकी जांच कर लेंगे।

बैलेट यूनिट, कंट्रोल यूनिट तथा वीवीपैट के नंबर एवं एड्रेस टैग को भी चेक कर लें। मतदान प्रक्रिया में पारदर्शिता एवं मतदाता की संतुष्टि के लिए वीवीपैट मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। वीवीपैट ईवीएम के साथ संबद्ध एक स्वतंत्र प्रणाली है। इससे मतदाता यह जानकर संतुष्ट हो सकता है जिसके चुनाव चिन्ह पर उसने बटन दबाया उसकी को वोट गया।

छह मई को सुबह सात बजे से मतदान होगा। मतदान से पहले मॉकपोल में अनिवार्य रूप से कम से कम 50 वोट डलवाना जरूरी है। प्रथम मतदान अधिकारी मतदाता की पहचान के लिए उत्तरदायी, द्वितीय मतदान अधिकारी अमिट स्याही का एवं तृतीय मतदान अधिकारी मतदान मशीन की नियंत्रण इकाई का प्रभारी होगा। अंधता या शारीरिक विकलांगता के कारण यदि कोई मतदाता मतदान यूनिट के प्रतीक या चुनाव-चिन्ह को पहचानने में असमर्थ है या बिना सहायता के समुचित बटन दबाकर मत देने में असमर्थ है तो पीठासीन अधिकारी मतदाता को अपनी ओर से उसकी इच्छानुसार मत रिकार्ड करने के लिए 18 वर्ष से बड़े किसी साथी को मतदान-कक्ष में ले जाने के लिए अनुमति देगा। टेंडर वोट, चैलेंज वोट, प्राक्सी वोटर द्वारा मतदान, डाकमत के लिए आवेदन, पीठासीन अधिकारी की डायरी, मतदान की समाप्ति पर की जाने वाली कार्यवाही के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण के बाद डीएम व एसपी ने नवीन मंडी का निरीक्षण भी किया जहां मतगणना होनी है। डीएम ने बताया कि मतदान के एक दिन पहले पांच मई को राजकीय इंकर कॉलेज से हैदरगढ़ व कुर्सी विधान सभा, जबकि नवीन मंडी से रामनगर, जैदपुर, बाराबंकी सदर व दरियाबाद और रुदौली आंशिक के लिए पोलिग पार्टियां रवाना की जाएंगी।

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