पर्यटक स्थलों पर भी दिखा संक्रमण काल का प्रभाव, कम आए पर्यटक

जिले में करीब एक दर्जन से अधिक पर्यटन स्थल हैं। यहां साल भर देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु और पर्यटकों का आवागमन रहता है। कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन और उसके भी ज्यादातर स्थानों पर आने-जाने पर पाबंदी रही।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 11:13 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 11:13 PM (IST)
पर्यटक स्थलों पर भी दिखा संक्रमण काल का प्रभाव, कम आए पर्यटक
पर्यटक स्थलों पर भी दिखा संक्रमण काल का प्रभाव, कम आए पर्यटक

बाराबंकी : जिले में करीब एक दर्जन से अधिक पर्यटन स्थल हैं। यहां साल भर देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु और पर्यटकों का आवागमन रहता है। कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन और उसके भी ज्यादातर स्थानों पर आने-जाने पर पाबंदी रही। कई स्थानों पर कोविड नियमों का पालन करते हुए जाने की छूट दी गई। लेकिन, बीते वर्षों की तुलना में मार्च से दिसंबर के मध्य करीब तीस फीसद ही पर्यटक पहुंचे। हालांकि, हालात सामान्य होने के साथ ही पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन, श्रद्धालु-पर्यटकों को तमाम अव्यवस्थाओं से भी जूझना पड़ रहा है।

यह हैं पर्यटक स्थल : देवा में हाजी वारिस अली शाह की दरगाह, रामनगर में लोधेश्वर महादेवा, कितूर में कुंतेश्वर महादेव, बरौलिया में देववृक्ष पारिजात, हैदरगढ़ क्षेत्र में औसानेशवर महादेव, शिवनाम, भगौली तीर्थ, मझगवां शरीफ, बांसा शरीफ, कोटवाधाम तीर्थ, धन्नाग तीर्थ, फतेहपुर का महादेव तालाब, डल्लू खेड़ा सैलानी देवी, सिरौलीगौसपुर का अमरादेवी धाम, अंबौर का ज्वालामुखी देवी मंदिर, बाबा रामसनेही घाट, भैरवनाथ धाम आदि। देवा में हर ओर समस्याएं : लखनऊ से 40 और जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित देवा कस्बे में पर्यटन विभाग के चंद बोर्ड ही इसके पर्यटन के नक्शे में शामिल होने का अहसास कराते हैं। सुंदरीकरण या विकास के नाम पर सूफी नगरी के हाथ खाली हैं। इसे आज तक रेल मार्ग से नहीं जोड़ा जा सका है। करीब आठ वर्ष पूर्व सांसद पीएल पुनिया ने इसे रेल मार्ग से जोड़े जाने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन वह आज तक मूर्तरूप नहीं ले सका। पर्यटकों या जायरीन के लिए बना राही गेस्ट हाउस अर्से से बंद पड़ा है। लखनऊ से वाया माती होकर चलने वाली सीधी बस सेवा भी बंद है। पर्यटन पर निर्भर है मजार रोड : कस्बे की करीब 60 फीसद अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है। मजार रोड की सैकड़ों दुकानें जायरीन से होने वाली बिक्री के सहारे चलती हैं। कोविड-19 के चलते इस बार दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा। फिलहाल अब गाड़ी पटरी पर है। मसोलियम ट्रस्ट देवा के मैनेजर साद महमूद वारसी का कहना है कि कोविड -19 के चलते दर्शनों पर लगी बंदिशों, बंद कमरों और लंगर के चलते इन दिनों जायरीन की संख्या गत वर्षों की अपेक्षा अमूमन आधी ही रहती है। रुकने की अनुमति न होने से बाहरी जायरीन कम ही आते हैं।

लोधेश्वर में सामान्य हो रहे हालात : लोधेश्वर महादेवा मंदिर के पुजारी पंडित आदित्य तिवारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते बीते वर्षों की अपेक्षा महज तीस फीसद ही श्रद्धालु आए हैं। अब हालात सामान्य होने के साथ श्रद्धालुओं का आना भी बढ़ा है। पारिजात धाम में भी अव्यवस्थाएं : देववृक्ष पारिजात के दर्शन को आने वाले पर्यटक और श्रद्धालुओं पर पाबंदी रही। अब संख्या बढ़ रही है। यहां बनवाया चक्र टूटा है। पर्यटकों के बैठने के लिए बनाई गई झोपड़ी टूटी है और कुएं की भी सफाई नहीं कराई जा सकी है।

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