अभी भी बंद नहीं है अवैध पटाखा बनाने का कारोबार

जिले में लगभग 52 लाइसेंस है इसमें से 27 लोगों का नवीनीकरण हो सका है। जबकि 23 का नवीनीकरण के लिए फाइलें पड़ी हुई हैं इसके बावजूद धड़ल्ले से पटाखा बनाए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 10:59 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 10:59 PM (IST)
अभी भी बंद नहीं है अवैध पटाखा बनाने का कारोबार
अभी भी बंद नहीं है अवैध पटाखा बनाने का कारोबार

बाराबंकी : जिले में लगभग 52 लाइसेंस है, इसमें से 27 लोगों का नवीनीकरण हो सका है। जबकि 23 का नवीनीकरण के लिए फाइलें पड़ी हुई हैं, इसके बावजूद धड़ल्ले से पटाखा बनाए जा रहे हैं।

सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर मौत का कारोबार चल रहा है। हादसे के बाद लाइसेंस मानक पर भी सवाल उठ रहे हैं। गांव में घनी आबादी के बीच बारूद के गोदाम बने हैं। नियम-कानून को ताक में रखकर इस गोदाम के लिए प्रशासन के साथ ही पुलिस और अग्निशमन महकमे ने भी अनुमति दे दी थी। रामसनेहीघाट के धारूपुर में अवैध असलहा व बारूद से सामग्री बनाने के लिए चर्चित है। यह गांव आतिशबाजी का बड़ा सप्लायर है। कारोबारी आतिशबाजी थोक में खरीदकर ले जाते थे। यहां हर वर्ष लाखों रुपये की आतिशबाजी का कारोबार होता था। इस वर्ष यह कारोबार पर फिलहाल पर्दा पड़ा है। इसके अलावा जैदपुर में खेतों में और जंगलों में पटाखे बनाए जाते हैं। जहांगीराबाद में तो आबादी के बीच में पटाखे बनाए जाते हैं। सिरौलीगौसपुर, रामनगर के महादेवा, मसौली क्षेत्र में आज भी चोरी-छिपे पटाखे बनाए जा रहे हैं। इनसेट : आतिशबाजी गोदाम के लिए मानक

- दुकानों के सामने सड़क की चौड़ाई न्यूनतम 12 मीटर हो।

- गोदाम भीड़भाड़ व रिहायशी इलाकों से दूर हों।

- गोदाम में जेड टाइप का वेंटीलेशन सिस्टम बनाया जाए।

- विद्युत उपकरण नहीं होने चाहिए और विद्युत अर्थिंग के लिए त्वरित चालक (लाइटिग कंडक्टर) का प्रविधान है।

- मेन स्विच बोर्ड गोदाम के बाहर हो और एमसीबी की फिटिग अनिवार्य हो।

- मेन दरवाजा स्टील रॉड डबल लाक होना चाहिए।

- गोदाम में सीढ़ी का प्रविधान नहीं हो।

- गोदाम का अधिकतम एरिया 25 वर्ग मीटर हो।

-मानक पूरा करने के बाद भी गोला व राकेट नहीं बनाए जा सकते हैं। ------

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