प्लांट को समय से अनुमति मिलती तो नहीं होती आक्सीजन की किल्लत

रसौली के पास स्थित एक निजी गैस प्लांट दिसंबर 2020 में बनकर तैयार हो गया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 11:08 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 11:08 PM (IST)
प्लांट को समय से अनुमति मिलती तो नहीं होती आक्सीजन की किल्लत
प्लांट को समय से अनुमति मिलती तो नहीं होती आक्सीजन की किल्लत

बाराबंकी : रसौली के पास स्थित एक निजी गैस प्लांट दिसंबर 2020 में बनकर तैयार हो गया था। प्रक्रिया को पूरा करने में दिल्ली के अलावा आगरा स्थित केंद्रीय कार्यालय में लंबी भाग दौड़ करनी पड़ी, पर अनुमति नहीं मिल सकी थी। अगर समय से अनुमति मिल गई होती हो शायद आक्सीजन गैस की किल्लत न होती।

15 अप्रैल को दैनिक जागरण में 'कोरोना काल में चल पड़ा सांस बेचने का कारोबार' शीर्षक से खबर प्रकाशित होने पर डीएम ने गैस प्लांट से संबंधित प्रार्थना पत्र विचार किया। इतना ही नहीं उन्होंने प्लांट को देखा और बिजली का कनेक्शन भी तत्काल जोड़वाया। 18 अप्रैल की शाम को प्लांट में आक्सीजन सिलिडर भरे जाने लगे। इस प्लांट में एक दिन में 500 से ज्यादा आक्सीजन गैस सिलिडर भरने की क्षमता है। जिले के अलावा लखनऊ, अयोध्या, रायबरेली, बहराइच, बस्ती, बलरामपुर, लखीमपुर सहित आसपास के जिले के निजी चिकित्सालय, कोविड-19 चिकित्सालय के आक्सीजन सिलेंडर भरे जा रहे हैं। प्लांट के मालिक अभिषेक ने कहा कि दिसंबर में प्लांट तैयार हो गया था। यदि पहले अनुमति मिली होती तो इतनी किल्लत न होती। उधर, लखनऊ खंड स्नातक क्षेत्र से विधान परिषद सदस्य इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह ने बाराबंकी के अपने निर्वाचन क्षेत्र के जिलों में आक्सीजन गैस प्लांट लगाने के लिए 17 अप्रैल को जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है।

-------------

वेल्डर की दुकानों पर सिलिडर खोजने पहुंच रहे लोग

बाराबंकी : कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जहां हाहाकार मचा है, वहीं आक्सीजन सिलिडर के लिए मारामारी है। निजी अस्पतालों में सिलिडर नहीं है, जिसको लेकर लोग परेशान है। हालत यह है कि वेल्डर की दुकानों पर लोग सिलिडर खोजने पहुंच रहे हैं। वेल्डिग की दुकानों पर भी सिलिडर नहीं है। दरियाबाद में कई निजी हास्पिटल हैं, लेकिन कहीं आक्सीजन सिलिडर नहीं हैं। कोरोना से बिगड़ते हालात में शहर से लेकर ग्रामीण व कस्बे में आक्सीजन सिलिडर न मिलने से स्थिति काफी बदतर हो रही है। दरियाबाद के अशरफ अली ने ऑक्सीजन सिलिडर की किल्लत की समस्या को इंटरनेट मीडिया पर उठाया है। इनके मुताबिक दरियाबाद के किसी भी प्राइवेट नर्सिंग होम, हॉस्पिटल में एक भी आक्सीजन सिलिडर नहीं है। टाउन के एक सभासद के रिश्तेदार को सांस लेने में समस्या हुई। इस पर आक्सीजन की आवश्यकता बताई गई, पर अस्पतालों में नहीं मिला। इस पर गैस वेल्डिग करने वाले दुकानदार के यहां बड़ी मशक्कत के बाद एक सिलिडर मिल सका। यही नहीं लोग क्षेत्र के गैस वेल्डिग दुकानों पर आक्सीजन खोजते है। कई लोगों के लखनऊ के नातेदार भी संपर्क कर चुके हैं। नहीं रिसीव होता सीयूजी : दरियाबाद के अशरफ अली के मुताबिक अधिकारियों के सीयूजी फोन नंबर इस वक्त शो पीस बने है। आक्सीजन सिलिडर के लिए एक अफसर को कई बार फोन लगाया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। इसके बाद वाट्सएप नंबर पर अपनी पीड़ा लिखी।

chat bot
आपका साथी