महायोजना के मानकों की अनदेखी पड़ रही भारी

अत्यधिक वर्षा के बाद नगर पालिका परिषद नवाबगंज के जिन इलाकों में जल जमाव है। उसके लिए अनियोजित विकास को जिम्मेदार ठहराया जाना गलत न होगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 11:12 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 11:12 PM (IST)
महायोजना के मानकों की अनदेखी पड़ रही भारी
महायोजना के मानकों की अनदेखी पड़ रही भारी

बाराबंकी : अत्यधिक वर्षा के बाद नगर पालिका परिषद नवाबगंज के जिन इलाकों में जल जमाव है। उसके लिए अनियोजित विकास को जिम्मेदार ठहराया जाना गलत न होगा। महायोजना 2001 के मानकों की अनदेखी भारी पड़ रही है।

बिना मानचित्र स्वीकृत कराए जमुरिया व रेठ नदी की ग्रीन बेल्ट व खेतों में प्लाटिग कर दी गई है। सस्ते के चक्कर में लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगाकर प्लाट खरीदा और घर बनवा लिया। अब अत्यधिक बारिश होने पर पानी की निकासी की व्यवस्था न होने पर पछता रहे हैं।

नगर के मध्य से होकर जमुरिया नदी निकली है, लेकिन इसके दोनों तरफ ग्रीन बेल्ट में भवन बनने से नदी नाला बन गई। इसके किनारे करीब एक हजार से ज्यादा मकानों में पानी भर गया था। विनियमित क्षेत्र कार्यालय की ओर से ग्रीन बेल्ट में बने भवनों का मानचित्र स्वीकृत नहीं किया गया है। पीरबटावन नई बस्ती का अधिकांश हिस्सा जमुरिया के किनारे है। जमुरिया के किनारे स्थित एक दर्जन विद्यालयों के परिसरों में भी पानी भरा है।

अभय नगर में यंग स्ट्रीम कालेज के पीछे रेलवे लाइन तक अवैध प्लाटिग में करीब तीन सौ मकान जलभराव से प्रभावित हैं। यहां वर्ष 2011 में जब प्लाटिग हो रही थी तब विनियमित क्षेत्र कार्यालय से नोटिस जारी की गई थी। लखपेड़ाबाग में आनंद बिहार कालेज के आसपास के इलाके में बिना मानचित्र स्वीकृत कराए करीब तीन सौ मकानों को उसे समय ढहाने की नोटिस विनयमित क्षेत्र कार्यालय की ओर से दी गई थी। पैसार, बड़ेल, फैजुल्लागंज, दशहराबाग खलरिया, महुआरीपुरवा, शुक्लाई गांव तक अवैध प्लाटिग स्थलों पर पानी भरा है। रेठ नदी के किनारे आलापुर में पुल के निकट जिस स्थान पर आवासीय प्लाटिग की गई। वहां भी नदी उफान पर है। अवर अभियंता(विनयमित क्षेत्र) एसबी गुप्ता का कहना है कि जमुरिया के किनारे 25 से 75 मीटर तक ग्रीनबेल्ट 2001 की महायोजना के अनुसार घोषित है।

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