प्रश्न पहर :: उद्यान विभाग दे रहा रोजगार, फसलों पर अनुदान और कृषि यंत्र

उद्यान विभाग फसलों पर अनुदान तो देता ही है बल्कि रोजगार से जोड़ने के लिए यूनिटें भी स्थापित कराता है। औद्यानिक फसलें ही हैं जो किसानों की आय को दो से तीन गुणा करती हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:38 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:38 PM (IST)
प्रश्न पहर :: उद्यान विभाग दे रहा रोजगार, फसलों पर अनुदान और कृषि यंत्र
प्रश्न पहर :: उद्यान विभाग दे रहा रोजगार, फसलों पर अनुदान और कृषि यंत्र

बाराबंकी : उद्यान विभाग फसलों पर अनुदान तो देता ही है बल्कि रोजगार से जोड़ने के लिए यूनिटें भी स्थापित कराता है। औद्यानिक फसलें ही हैं जो किसानों की आय को दो से तीन गुणा करती हैं। कृषि यंत्रों में पावर ट्रिलर और ट्रैक्टर पर 75 हजार का अनुदान दिया जाता है। बुधवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित प्रश्न पहर में आई फोन काल के सवालों का जवाब देते हुए जिला उद्यान अधिकारी महेश कुमार श्रीवास्तव यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग में संचालित योजनाओं का लाभ लेने के लिए (यूपीहार्टीकल्चर.जीओवी.इन) पर कृषक पंजीकरण करा सकते हैं। अनुदान या अन्य किसी योजनाओं के लिए 9454692334 या 9450428806 पर फोन कर जानकारी ली जा सकती है।

इनसेट : स्थापित होंगे तीन पैक हाउस

डीएचओ ने बताया कि फलों की पैकेजिग और ग्रेडिग करने के लिए पैक हाउस बनाया जाता है। किसानों को राहत देने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान सरकार देगी। पैक हाउस के निर्माण में चार लाख की लागत आती है और दो लाख का अनुदान मिलता है। वहीं मेंथा की कोई भी इकाई स्थापित करने पर 35 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा। यह प्रोजेक्ट के अनुसार होगा।

इनके मंजूर हुए पाली हाउस : जरबेरा की खेती करने के लिए इस वर्ष रामनगर के गगियापुर के सुमित और सुभाषिनी का पालीहाउस स्वीकृत हुए हैं। तिदोला के अभिजीत को भी चार हजार वर्ग मीटर में पालीहाउस की स्वीकृति दी गई है। इसमें इन कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। ----------------- प्रश्न : केला की खेती करना चाह रहे हैं, कैसे होगी। देशराज, ददौरा, रामनगर/इंद्रमणि द्विवेदी, मथुरानगर, दरियाबाद। उत्तर : केला की पौध जून से अगस्त में मध्य रोपनी चाहिए। इसमें विभाग प्रति हेक्टेयर 30 हजार 738 रुपये का अनुदान देता है। एक हेक्टेयर में तीन हजार 86 पौधे लगते हैं। लागत एक लाख दो हजार की आती है। पंजीकरण के लिए आधार कार्ड, खतौनी, बैंक पासबुक छायाप्रति, दो फोटो, मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी। पंजीयन किसी भी जनसेवा केंद्र या विकास भवन में उद्यान विभाग के कार्यालय में आकर कराया जा सकता है।

---------- प्रश्न : किसानों का आलू शीत गृहों में डंप है। अब कोल्ड स्टोर मालिक अतिरिक्त खर्च वसूल रहे हैं।

विक्रांत सैनी, ब्लाक अध्यक्ष बंकी, भाकियू। उत्तर : 31 अक्टूबर तक ही कोल्ड स्टोरेज संचालित करने का नियम है, लेकिन आलू की बोआई विलंबित थी। इसलिए 30 नवंबर कर दिया था। जल्द से जल्द किसान आलू शीतगृहों से निकाल लें। कोई भी मालिक अतिरिक्त पैसा नहीं लेगा। उन्होंने दो कोल्ड स्टोर मालिकों से बात कर अतिरिक्त पैसा न लेने का निर्देश दिया।

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प्रश्न : सब्सिडी लेकर कुछ किसानों ने दो वर्षों में ही पालीहाउस बेच दिया या बंद कर दिया है।

धर्मेंद्र सिंह, सिद्धौर।

उत्तर : लाकडाउन में कुछ पालीहाउस बंद हुए हैं, क्योंकि बाजार पूरी तरह से बंद थे। किसानों के सामने कोई रास्ता नहीं था। फिर भी इसकी एक जांच करा ली जाएगी।

------- प्रश्न : अमरूद की खेती करता हूं। क्या इस पर कोई छूट मिलती है?

गोकरन प्रसाद, बेलहरा। उत्तर : अमरूद की खेती पर अनुदान मिलता है। अप्रैल में ही इसके लिए पंजीयन शुरू हो जाता है। तीन वर्ष तक सब्सिडी दी जाती है। पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर योजना संचालित होती है। ----------

प्रश्न : कृषि से स्नातक हूं। कोई रोजगार सुझाइए?

जितेंद्र कुमार सिंह, बंकी। उत्तर : सूक्ष्म उद्योग स्थापित कराने के लिए जिला रिसोर्स पर्सन की भर्ती की जा रही है। इसमें आप विकास भवन में आकर उद्यान विभाग के कार्यालय में आवेदन दे दीजिए।

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प्रश्न : कृषि यंत्र कैसे मिलेंगे?

अंकित सिंह, लालपुरगुमान, दियाबाद। उत्तर : उद्यान विभाग में ट्रैक्टर खरीद करने के लिए 75 हजार रुपये तक अनुदान दिया जाता है। जबकि, पावरट्रिलर पर भी 60 से 75 हजार रुपये अनुदान के तौर पर खाते में भेजे जाते हैं। इसके अलावा टपक सिचाई के लिए भी 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। -------------

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