सूखे पड़े हैं हैंडपंपों के हलक, कोरोना काल में शुद्ध पेयजल संकट
बाराबंकी कोरोना काल में जब शुद्ध पेयजल की जरूरत हैं तो शहर से लेकर गांव तक खराब है।
बाराबंकी : कोरोना काल में जब शुद्ध पेयजल की जरूरत हैं तो शहर से लेकर गांव तक खराब व रीबोर लायक हैंडपंपों की मरम्मत में तेजी नहीं आ पा रही। सर्वे में 1386 हैंडपंप रीबोर लायक व 1709 मरम्मत योग्य पाए गए थे। इनकी मरम्मत मई के पहले कराए जाने के निर्देश थे लेकिन कोरोना काल के चलते मरम्मत व रीबोर का काम सुस्त रहा।
नगर पालिका परिषद नवाबगंज क्षेत्र में ही करीब एक दर्जन हैंडपंप खराब हैं। प्रधान डाक घर के निकट व लाजपत नगर में हैंडपंप खराब होने से लोगों को पेयजल की दिक्कत होती है। लख्पेड़बाग में मंदिर के निकट सरावगी में आदित्य श्रीवास्तव व सुरेश कनौजिया के घर के सामने हैंडपंप रीबोर लायक है। नगर पालिका की अध्यक्ष शशि श्रीवास्तव का कहना है कि जिन हैंडपंपों की दूसरी बोरिग होनी है, उनके लिए जगह नहीं मिल पा रही। अन्य हैंडपंप जो खराब होते हैं उन्हें ठीक करवाया जाता है।
जिला चिकित्सालय परिसर में पैथालाजी के बगल पार्क में खराब हैंडपंप कचरे से पाट दिया गया है।
हैदरगढ़ तहसील के ग्राम अंसारी के नयन खेर चौराहे पर मुन्नू सिंह की खाद की दुकान के सामने, मौर्या होटल के बगल हैंडपंप कई साल से खराब है। दुकानदारों ने सामूहिक रूप से तहसील दिवस में कई बार शिकायत की लेकिन हैंडपंप ठीक नहीं हो सके।
इनसेट-
1386 रीबोर व 1909 मरम्मत लायक हैंडपंपों में से करीब 50 फीसद ठीक हो चुके हैं। मरम्मत व रीबोर का काम चल रहा है।
रणविजय सिंह, डीपीआरओ बाराबंकी
------------
उमस भरी गर्मी से बेहाल रहे लोग बाराबंकी : मौसम शनिवार को भी खराब रहा। सुबह से ही बादल छाए रहे। उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल दिखे। दोपहर में हल्की बारिश भी हुई लेकिन उमस कम नहीं हो सकी।
पिछले एक हफ्ते से मौसम खराब होने के कारण कभी बारिश तो कभी उमस भरी गर्मी हो रही है। बारिश से मेंथा की फसल उगाने वाले किसान परेशान हैं। मौसम इसी तरह खराब रहा तो मेंथा किसानों को काफी नुकसान होगा।