दवाओं की कम न हो डोज, व्यवस्था पर जोर
कोरोना की दूसरी लहर में संसाधन व आक्सीजन की कमी से कई लोगों की जान चली गई थी। हालत गंभीर होने पर लोगों ने सहयोग देकर स्थिति को संभाला वहीं कुछ ने आपदा में अवसर का भरपूर लाभ भी उठाया।
बाराबंकी : कोरोना की दूसरी लहर में संसाधन व आक्सीजन की कमी से कई लोगों की जान चली गई थी। हालत गंभीर होने पर लोगों ने सहयोग देकर स्थिति को संभाला वहीं कुछ ने आपदा में अवसर का भरपूर लाभ भी उठाया। अब तीसरी लहर से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमा न सिर्फ सजगता बरत रहा है बल्कि दवाओं की उपलब्धता के लिए भी कमर कस ली है। जिले में बच्चों व बड़ों की करीब 16 हजार ड्रग किट मौजूद हैं। यहीं नहीं कुल 1342 निगरानी समिति भी गठित हैं। इसमें 1161 रूरल और 181 अर्बन क्षेत्र की निगरानी समिति है। दवाओं का हो रहा विवरण तैयार : कोरोना की तीसरी लहर को लेकर दवाओं का प्रबंध शुरू हो गया है। दवाओं की खरीद प्रक्रिया भी चल रही है। कोविड अस्पताल के साथ ही जिला चिकित्सालय में भी दवाओं का विवरण तैयार किया गया है। ताकि तीसरी लहर के वक्त दवाओं की कमी बिलकुल न पड़े। इंजेक्शन व आक्सीजन की कमी से चली गई जान : कोरोना की दूसरी लहर अधिक खतरनाक थी। आक्सीजन समय पर न मिल पाने के कारण लोगों की जान तक चली गई। रेमडिसीवर इंजेक्शन तक समय पर मरीजों को नहीं मिल पाए। अब तीसरी लहर में कमी न पड़े इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सजगता बरत रहा है।
इनसेट
वर्तमान में आक्सीजन व संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। दवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा जो कमी है उसकी सूची बनाकर अन्य दवाएं कोरोना से संबंधित मंगवाई जाएंगी। आक्सीजन प्लांट जिला चिकित्सालय में संचालित हो रहा है। इसमें से 570 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन बन रही है। कोरोना वार्ड जिला चिकित्सालय के अलावा सीएचसी व संयुक्त चिकित्सालय सिरौलीगौसपुर में बनाया गया है।
डा. रामजी वर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाराबंकी।