यह कैसा आधार, डाकघर पर रात में बहू-बेटियों का डेरा
आधार में नाम पता व मोबाइल नंबर संशोधन के लिए परेशान हैं लोग। पीएम सम्मान निधि छात्रवृत्ति आवास पेंशन आदि सभी योजनाओं में जरूरी हो गया है आधार।
बाराबंकी : लगभग हर किसी कार्य में आधार की अनिवार्यता ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि लोग अपनी बहू-बेटियों, बच्चों व बुजुर्गों को लेकर रात से ही प्रधान डाकघर के सामने डेरा डालने पर विवश हैं।
शुक्रवार की रात तो भीड़ इतनी ज्यादा बढ़ गई कि नगर कोतवाली के सिपाही व दारोगा लोगों को डाकघर के सामने से भगाने पहुंच गए। रात के करीब पौने 11 बजे थे।
भीड़ को देख दो छुटभैया टाइप नेता भाषणबाजी भी करने लगे। इनमें से नशे की हालत वाले एक व्यक्ति को पुलिस कर्मी पकड़कर ले गए। लोगों को डॉक घर के सामने से हटने के लिए दबाव बनाने पहुंचे सिपाही से लोगों ने ऐसे तर्क किए कि वह भी निरुत्तर हो गया।
सागर इंजीनियरिग कॉलेज के छात्र विपिन कुमार ने कहा कि आधार में जन्मतिथि गलत है। संशोधन के लिए ऑनलाइन आवेदन जनसुविधा केंद्र से किया था। तीन दिन पहले की तिथि मिली थी, लेकिन संशोधन के लिए टोकन अभी तक नहीं मिला। इसलिए रात को लाइन लगाने आना पड़ा। इसी तरह के तर्क अन्य लोगों ने भी दिए तो सिपाही शांत हो गया।
हरख गांव के 13 लोगों में अपने माता-पिता के साथ आईं अफसाना बानो व शबाना ने बताया कि आधार से मोबाइल नंबर लिक नहीं है। इसलिए छात्रवृत्ति आवेदन पत्र नहीं भर पा रहे हैं। फतेहपुर क्षेत्र के ग्राम अगौली निवासी सुंदरलाल ने बताया कि आधार में अंकित नाम में सिर्फ सुंदर लिखा है, इसलिए पीएम सम्मान निधि नहीं मिल रही। जहांगीराबाद निवासी मो. सुएब ने बताया कि आधार में फिगर प्रिट नहीं शो करता। पुत्री के स्कूल में उसका भी आधार लगना है। देवा क्षेत्र के मऊजानीपुर निवासी
अनुभव वर्मा ने बताया कि आधार में जन्मतिथि, पिता का नाम संशोधन व मोबाइल नंबर लिक कराना है तभी छात्रवृत्ति आवेदन भरा जा सकेगा। अपनी पुत्री पिकी को लेकर आई बेहटा की सुनीता ने कहा कि छात्रवृत्ति आवेदन की तिथि निकल जाएगी तो संशोधन का कोई मतलब नहीं रहेगा। इसलिए रात में आना पड़ा। आधार कार्ड संशोधन के लिए रात में भीड़ न लगे इसके लिए संबंधित अधिकारियों से बात कर समस्या का समाधान कराया जाएगा।
डॉ. आदर्श सिंह, डीएम बाराबंकी