जलभराव से नुकसान, किससे होगी भरपाई

बारिश में जलभराव से लोगों का काफी नुकसान हुआ है। नुकसान की भरपाई किससे होगी। यह तय नहीं हो पा रहा है। शहर के कई मुहल्लों में पानी घरों के अंदर दुकानों व गोदामों में भर गया। बेसमेंट तो शायद ही किसी के बचे हों।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 11:04 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 11:04 PM (IST)
जलभराव से नुकसान, किससे होगी भरपाई
जलभराव से नुकसान, किससे होगी भरपाई

बाराबंकी : बारिश में जलभराव से लोगों का काफी नुकसान हुआ है। नुकसान की भरपाई किससे होगी। यह तय नहीं हो पा रहा है। शहर के कई मुहल्लों में पानी घरों के अंदर, दुकानों व गोदामों में भर गया। बेसमेंट तो शायद ही किसी के बचे हों। इसके पीछे अत्यधिक बारिश होना ही मुख्य कारण नहीं हैं। बारिश का पानी निकलने की व्यवस्था कराए बिना ही आवासीय कालोनियां विकसित करने वाले भी कालोनाइजर भी जिम्मेदार हैं। पानी भरने से जहां सामान की बर्बादी हुई वहीं भवनों की नींव व दीवारें भी सीलन से कमजोर हो रही हैं।

जिले में समस्या इस बात की है कि विनियमित क्षेत्र कार्यालय से ले-आउट व मानचित स्वीकृत कराकर प्लाटिग की जानी चाहिए लेकिन ऐसा बहुत कम ही होता है। प्रापर्टी डीलर मनमाने तरीके से खेत व बाग में प्लाटिग करते हैं। भू-स्वामी से प्लाटों की रजिस्ट्री कराकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं।

नगर के मुहल्ला विजय नगर के बगल में आठ साल पहले तक आम के पेड़ों की घनी बाग थी, जिसे हजाराबाग कहते थे। यहां के पेड़ काटकर प्लाटिग कर दी गई। पूरी कालोनी बस चुकी है, लेकिन पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं हैं। सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि पानी की निकासी की व्यवस्था न होने से बारिश का पानी उनके बेसमेंट में भर गया। इससे सारा सामान खराब हो गया। इसी तरह दशहराबाग खलरिया, असद नगर, महुआरी पुरवा पैसार व महादेव सिटी के पूरब शुकलाई गांव की परिधि में पिछले तीन-चार साल के अंदर की गई प्लाटिग में वृंदावन कालोनी बसाई जा रही है। पानी की निकासी की व्यवस्था न होने से राघवदीन तिवारी, आदर्श, माधुरी अवस्थी, पप्पू, विमल, विनय, संजय, संदीप, अतुल, शिवकेश व वीरेंद्र सहित अन्य के मकानों के अंदर तक पानी घुस गया।

नगर में सिविल लाइन इलाके में जमुरिया नाले के किनारे ग्रीन बेल्ट में कालोनी बसा दी गई है। यहां पानी की निकासी के लिए जमुरिया है, लेकिन बारिश में इसके उफनाने पर घरों में पानी पांच फिट तक भर जाता है।

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इनसेट-

'आवागमन के सुगम रास्ते, पानी की निकासी सहित अन्य सुविधाएं होने पर प्लाटिग का मानचित्र व ले-आउट स्वीकृति किया जाता है। बिना स्वीकृति वाले स्थानों पर प्लाट न खरीदने के लिए लोगों को निरंतर जागरूक किया जा रहा है।'

एसबी गुप्ता, अवर अभियंता, विनियमित क्षेत्र

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