ट्रांसफार्मर बदलने के दौरान करंट से संविदाकर्मी की मौत, मृतक आश्रितों को मिलेगा मुआवजा
कोतवाली क्षेत्र के पकरियापुर निवासी उमाकांत (32) विद्युत विभाग में संविदा थे।
बाराबंकी, जेएनएन। कोतवाली क्षेत्र के पकरियापुर निवासी उमाकांत (32) विद्युत विभाग में संविदा थे। बताया जाता है कि शुक्रवार की दोपहर मझगवां शरीफ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पास वह सहकर्मियों साथ ट्रांसफार्मर बदलने के लिए बिजली के पोल पर चढ़ा था। शट डाउन लेने के बावजूद आपूर्ति शुरू हो जाने से वह करंट की चपेट में आ गया। आनन फानन उसे सीएचसी फतेहपुर ले जाया गय, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सीएचसी प्रभारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि उमाकांत की स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पूर्व ही मौत हो चुकी थी। अधिशाषी अभियंता राघेश्याम भाष्कर ने बताया कि ट्रांसफार्मर बदलते समय दुर्घटना हुई है। मृतक आश्रितों को उचित मुआवजा दिया जाएगा।
संविदाकर्मी की करंट लगने से हुई मौत का मामला कोई नया नहीं है। जिले में पहले भी संविदा कर्मियों की करंट लगने से मौतें हो चुकी हैं। मुआवजे की प्रक्रिया की जटिलता के चलते कई संविदाकर्मियों के परिवारजन को मुआवजा समय पर नहीं मिल सका है।
केस एक: वर्ष 2009 में तेज आंधी के बाद 11 हजार की लाइन सही करते समय संविदाकर्मी जयपाल फैजाबाद हाइवे पर करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई थी। मुआवजे के लिए परिवार वालों ने मांग की थी। जो मुआवजा मिलना चाहिए वह नहीं मिला।
केस दो : वर्ष 2010 में संविदा कर्मी गजराज करंट की चपेट में आने से मौत हो गई थी। संविदा कर्मी की मौत के बाद बिजली कर्मियों ने प्रदर्शन भी किया था।
केस तीन: कटरा निवासी मदन कश्यप की मौत भी करीब पांच वर्ष पूर्व करंट लगने से हो गई थी। इसके अलावा वर्ष 2013 में एक और संविदा कर्मी की मौत हो गई थी।
शुुुरू हुई जांच:
कोतवाली अंतर्गत पकरियापुर निवासी उमाकान्त (32) विद्युत विभाग में संविदा पर कार्यरत था। बताया जाता है कि मझगवां शरीफ स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के आस पास की बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। शुक्रवार की दोपहर बाद उमाकांत अन्य सहकर्मियों साथ ट्रांसफार्मर बदलने के लिए बिजली के पोल पर चढ़ा था। शट डाउन लेने के बावजूद आपूर्ति शुरू हो जाने से वह करंट की चपेट में आ गया। जिससे वह झुलस कर नीचे गिर पड़ा। आनन फानन उसे सीएचसी फतेहपुर पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सीएचसी प्रभारी डॉ. अजय कुमार वर्मा ने बताया कि उमाकांत की स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पूर्व ही मौत हो चुकी थी।
अधिशाषी अभियंता राघेश्याम भाष्कर ने बताया कि ट्रांसफार्मर बदलते समय दुर्घटना हुई है। मृतक आश्रितों को उचित मुवायजा दिया जाएगा। लपरवाही बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिले में बिजली विभाग के पांच डिवीजन संचालित हैं। इलेक्ट्रिकल एक्सीडेंट जो होते हैं। उसमे विभाग की तरफ पांच लाख की धनराशि दी जाती है। कार्यदायी संस्था से नियमों के तहत वसूली कर संविदा कर्मी को मुआवजा दिलाया जाता है। फार्म 44 भेजकर विद्युत सुरक्षा विभाग की ओर से जांच कराई जाती है। इधर एक वर्ष में पहला मामला संविदा कर्मी का आया है। पुराना मामला है उनका भी निस्तारण कराया जा रहा है। किसी मे विलंब होता है तो मुआवजे के लिए पूरी प्रक्रिया पूर्ण कराकर निस्तारण कराया जाएगा। अगर विभागीय अधिकारी इसमें दोषी होते है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हेलमेट, हैड ग्लब्ज, सेफ्टी बेल्ट सहित कई महत्वपूर्ण उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं। लाइन बंद कराकर ही कार्य कराया जाता है।
संजीव राणा, अधीक्षण अभियंता, बाराबंकी।