ठंड बढ़ी, पर राहत के नहीं पुख्ता इंतजाम

ठंड से राहत के पुख्ता इंतजाम अभी प्रशासन की ओर से नहीं किए जा सके हैं। सार्वजनिक स्थानों पर लोग ठंड से ठिठुरने को विवश हैं। हालांकि दो स्थानों पर अस्थाई रैन बसेरा बनाए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 11:43 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 11:43 PM (IST)
ठंड बढ़ी, पर राहत के नहीं पुख्ता इंतजाम
ठंड बढ़ी, पर राहत के नहीं पुख्ता इंतजाम

बाराबंकी : ठंड से राहत के पुख्ता इंतजाम अभी प्रशासन की ओर से नहीं किए जा सके हैं। सार्वजनिक स्थानों पर लोग ठंड से ठिठुरने को विवश हैं। हालांकि, दो स्थानों पर अस्थाई रैन बसेरा बनाए गए हैं।

मंगलवार की रात 10 बजे से 11 बजे के मध्य नगर के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों की पड़ताल की गई। प्रस्तुत है छायाकार नवनीत तिवारी के साथ प्रेम अवस्थी की रिपोर्ट..

जिला महिला चिकित्सालय का रैन बसेरा तीमारदारों से भरा था। मेला रायगंज के मो. शहीद, विशुनपुर के मनोज कुमार, सोनिकपुर के लवेकश सहित दो दर्जन से ज्यादा तीमादार मैदान में आराम करते दिखे। मो. शहीद ने बताया कि उनकी पत्नी मैसरजहां सात दिनों से भर्ती हैं। मच्छर बहुत लगते हैं। ठंड से बीमार होने का भी खतरा है। जिला चिकित्सालय के रैन बसेरा में ताला बंद था। रैन बसेरा के सामने ही आपरेशन थियेटर के चबूतरे पर असंद्रा इलाके के ग्राम जरौली के सुरेंद्र कुमार व उनकी बहन किरन लेटे थे। किरन ने बताया कि सुरेंद्र की आंख का आपरेशन होना है। जांच रिपोर्ट आज नहीं मिली इसलिए घर न जाकर यहीं रुक गए। 100 रुपये का एक कंबल खरीदकर बाजार लाए हैं।

छाया चौराहा पर कचरा जलाकर तापते दिखे रिक्शा चालक गजेंद्र, मंगल, पप्पू व अरमान ने बताया कि दिन भर रिक्शा चलाने के बाद दुकानों के बरामदे में रात को सोते हैं। अभी अलाव की व्यवस्था प्रशासन की ओर से नहीं कराई गई है। इसलिए कचरा जलाकर हाथ सेंक रहे हैं। रेलवे स्टेशन परिसर में एक चबूतरे पर तिरपाल लगाकर रैन बसेरा बनाया गया है, लेकिन रात पौने 11 बजे तक यहां ड्यूटी करने वाले अशोक व संजय नामक कर्मचारी ही लेटे दिखे। इसी के बाहर रिक्शे पर ही एक रिक्शा चालक, जमीन पर एक व्यक्ति सोता दिखा। सफेदाबाद की एक वृद्धा अपने पुत्र के साथ ट्रेन से उतरने के बाद वाहन के इंतजार में ठिठुरती दिखी।

पटेल तिराहे पर सोल्जर बोर्ड के सामने यात्री प्रतीक्षालय में तिरपाल लगाकर रैन बसेरा के बाहर ठेला पर दुकान लगाने वाली कांशीराम कालोनी की ईश्वर जहां नामक महिला अपने बच्चों के साथ कचरा जलाकर तापते दिखी। इनसेट-

ठंड से बचाव के लिए रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन तिराहे के पास रैन बसेरा बनवाए गए हैं। रैन बसेरा में रजाई व कंबल की भी व्यवस्था है। अलाव भी शीघ्र ही जलवाए जाएंगे। जरूरतमंदों को वितरित करने के लिए कंबल खरीदने की प्रक्रिया चल रही है।

-दयाशंकर त्रिपाठी, तहसीलदार, नवाबगंज।

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