अव्यस्थाओं से नहीं उबर पा रहे गोआश्रय स्थल, मर रहे पशु

नोडल अफसर के लगातार निरीक्षण के बावजूद गोआश्रय स्थल से अव्यवस्थाएं दूर नहीं हो पा रही हैं। हरा चारा पशु आहार टीकाकरण और बेहतर इलाज तो दूर पशुओं के लिए शुद्ध पानी रहने के लिए टिन शेड तक का इंतजाम नहीं किया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:01 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:01 AM (IST)
अव्यस्थाओं से नहीं उबर पा रहे गोआश्रय स्थल, मर रहे पशु
अव्यस्थाओं से नहीं उबर पा रहे गोआश्रय स्थल, मर रहे पशु

बाराबंकी : नोडल अफसर के लगातार निरीक्षण के बावजूद गोआश्रय स्थल से अव्यवस्थाएं दूर नहीं हो पा रही हैं। हरा चारा, पशु आहार, टीकाकरण और बेहतर इलाज तो दूर पशुओं के लिए शुद्ध पानी, रहने के लिए टिन शेड तक का इंतजाम नहीं किया गया है। सफाई व्यवस्था भी बदहाल है। इसके चलते आए दिन पशु दम तोड़ रहे हैं। सोमवार को जागरण टीम की पड़ताल में ज्यादातर केंद्रों पर अव्यवस्थाएं हावी दिखीं। कई स्थानों पर मानदेय न मिलने से केयर टेकर भी चले गए हैं। प्रस्तुत है रिपोर्ट..

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देवा ब्लाक के खूजरगांव के आश्रय स्थल पर इसी माह एक पशु की मौत हुई। सोमवार को एक बीमार था। हरे चारे की व्यवस्था नहीं है। परिसर में जलभराव रहता है। सिरौलीगौसपुर के श्याम नगर स्थित आश्रय स्थल पर मात्र 159 पंजीकृत पशुओं,करपिया के 187 पशुओं के लिए एक-एक और ठाकुरपुर में 300 पशुओं के लिए दो टिनशेड हैं। श्यामनगर में एक गाय असहाय अवस्था में पड़ी दिखी। सूरतगंज के अमराई गांव स्थित स्थल में एक हफ्ते में दो पशु मर चुके हैं, जबकि एक बीमार है। बनीकोडर ब्लाक के नाथुपुर गो आश्रय स्थल में सुबह साढ़े आठ बजे ताला बंद दिखा। कोई पशु दिखा न केयर टेकर। भूसा सड़क किनारे पड़ा सड़ रहा है। पानी की टंकी में काई लगी दिख रही थी और सोलर लाइट भी टूटी है। बीडीओ सरिता गुप्ता ने बताया कि भूसा रखने का स्थान नहीं है। कंधई पुर आश्रय स्थल में 150 से अधिक पशु हैं। केयर टेकर आशीष ने बताया कि मानदेय न मिलने से दो केयर टेकर चले गए है। चार दिन यहां पहले दो पशु मर गए। त्रिवेदीगंज के दुंदगीपुर में ट्रैक्टर से सफाई कराई जा रही थी।

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फैक्ट फाइल

आश्रय स्थल- 39

स्थलों पर पशु-करीब 11 हजार 100

प्रति माह खर्च करीब एक करोड़ रुपये

बीते वर्ष खर्च हुए करीब 12 करोड़ रुपये

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38 गो आश्रय स्थल पहले से थे। हाल ही में रामनगर में आश्रय स्थल संचालित होने से संख्या 39 हो गई है। ग्राम पंचायत चुनाव के बाद जहां केयर टेकर को लेकर विवाद था वहां वार्ता कर सुलझा लिया गया है। अन्य व्यवस्थाएं भी धीरे-धीरे ठीक हो रही हैं।

-डा. मारकंडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।

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