जलभराव से जूझ रहे बाशिदे, जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे अफसर

बीते दिनों हुई बारिश ने कई मुहल्लों के लोगों की परेशानी बढ़ाने के साथ ही विनियमित क्षेत्र के अनियोजित विकास की भी हकीकत सामने लाने का काम किया है। करीब एक सप्ताह से अधिक का समय बीतने के बावजूद करीब आधा दर्जन मुहल्लों में अब तक पानी भरा है जिससे मुहल्ले के बाशिदे जूझ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 11:12 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 11:12 PM (IST)
जलभराव से जूझ रहे बाशिदे, जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे अफसर
जलभराव से जूझ रहे बाशिदे, जिम्मेदारी लेने से कतरा रहे अफसर

बाराबंकी : बीते दिनों हुई बारिश ने कई मुहल्लों के लोगों की परेशानी बढ़ाने के साथ ही विनियमित क्षेत्र के अनियोजित विकास की भी हकीकत सामने लाने का काम किया है। करीब एक सप्ताह से अधिक का समय बीतने के बावजूद करीब आधा दर्जन मुहल्लों में अब तक पानी भरा है, जिससे मुहल्ले के बाशिदे जूझ रहे हैं। मुहल्लों के लोगों की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन, जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से गोहार लगाए जाने के बाद जलनिकासी की प्रक्रिया तेज हुई है। लेकिन, जलभराव की जिम्मेदारी लेने अथवा संबंधित पर कार्रवाई करने से अफसर कतरा रहे हैं। जलभराव से विनियमित क्षेत्र प्राधिकारी, राजस्व और जिला पंचायत के कर्मियों की भूमिका पर भी सवालों के घेरे में आ गई है। यहां है ज्यादा दिक्कत : डिवाइन सिटी, मखदूमपुर, महादेव सिटी, खलरिया, दयानंदनगर, गोकुलनगर, नबीगंज-फैजुल्लागंज मार्ग, बाल विहार, कोठी डीह आदि मुहल्ले के लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। गोकुलनगर के बाशिदों को जलभराव के दौरान नाव से आवागमन तक करना पड़ा। दशहराबाग के खलरिया से जलनिकासी के लिए गुरुवार को भी पंपिग सेट का उपयोग किया गया।

वादों में छले गए बाशिदे

कालोनियां विकसित करने वाले कालोनाइजर्स ने प्लाट की बिक्री करते वक्त नाली, बिजली, पानी, सीवर, सड़क की बेहतर व्यवस्था का वादा ग्राहक से कर लेते हैं। इसके अलावा भूखंड का ले आउट स्वीकृत और रेरा से अप्रूव होने का भरोसा दिलाते हैं। रजिस्ट्री, दाखिल खारिज और मानचित्र स्वीकृत करते वक्त विनियमित क्षेत्र, राजस्व, नगर पालिका और जिला पंचायत के कर्मी भी इनके दावों की पड़ताल किए बगैर फाइल को आगे बढ़ाते जाते हैं। इसका खामियाजा बाशिदों को जलभराव जैसी समस्या से जूझ कर भुगतना पड़ता है।

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समस्या पुरानी, नहीं मिला निदान

दशहराबाग के खलरिया मुहल्ले में हर बारिश में पानी भर जाता है। 25 वर्ष से रह रहे यशवंत और दस वर्ष से रहे मो. सलीम बताते हैं कि इस पुरानी समस्या का निदान अब तक नहीं हो सका है। यहां के सूरज की आरा मशीन पानी में डूब गई है। स्टूडियो का संचालन करने वाले अविरल जायसवाल बताते हैं कि जलभराव से कामकाज ठप है।

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करीब 80 रियल एस्टेट कारोबारी कालोनियों को विकसित करने का काम करते हैं। जलनिकासी का प्रबंध उन्हें करना चाहिए। ऐसा न करने वालों के खिलाफ आरबी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।

-श्याम बिहारी गुप्ता, अवर अभियंता विनयमित क्षेत्र।

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