ताकि हाईटेक और जोश से लबरेज रहें पीएसी जवान : एडीजी

संवादसूत्र बाराबंकी पीएसी जवानों के सीने तने रहने चाहिए न कि झुके हुए चेहरे पर मुस्कान होना चाहिए न कि उदासी और हमे चुप रहने वाला नहीं बल्कि बोलने बात करने वाला जवान चाहिए। पीएसी में तैनाती सजा नहीं है यह केवल सोच का फर्क है। मेरे कार्यकाल में इस सोच में भी फर्क दिखेगा। पीएसी की बहुत अहम भूमिका होती है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Mar 2019 12:23 AM (IST) Updated:Wed, 27 Mar 2019 12:23 AM (IST)
ताकि हाईटेक और जोश से लबरेज रहें पीएसी जवान : एडीजी
ताकि हाईटेक और जोश से लबरेज रहें पीएसी जवान : एडीजी

बाराबंकी : पीएसी जवानों के सीने तने रहने चाहिए न कि झुके हुए, चेहरे पर मुस्कान होना चाहिए न कि उदासी। हमे चुप रहने वाला नहीं बल्कि बोलने बात करने वाला जवान चाहिए। पीएसी में तैनाती सजा नहीं है, यह केवल सोच का फर्क है। मेरे कार्यकाल में इस सोच में भी फर्क दिखेगा। पीएसी की बहुत अहम भूमिका होती है।

यह कहना है कि एडीजी पीएसी विनोद कुमार सिंह का। दरअसल मंगलवार को वह दसवीं वाहिनीं पीएसी बाराबंकी भ्रमण व निरीक्षण के लिए आए थे। सारे विग का जायजा लेकर वहां के कर्मचारी व अधिकारियों से वार्ता की और उनकी समस्याएं सुनीं। 1994 बैच के पीसीएस एडीजी ने पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने बताया कि फैजाबाद, इलाहाबाद और बरेली सहित नौ जिलों में बतौर एसपी तैनात रहे। प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद उन्हें 11 जनवरी 2019 को एडीजी पीएसी का पद सौंपा गया। अब तक के कार्यकाल के दौरान कुंभ जैसे विश्व स्तरीय व्यवस्था, नोएडा मेंट्रो में सुरक्षा की जिम्मेदारी, लखनऊ मेट्रों आदि के बारे में बताते हुए कहा कि वह अपने अनुभव से पीएसी में बेहतर सुधार लाएंगे। जवान मृदु भाषी हो, लेकिन व्यवसायिक दक्ष होना चाहिए। पीएसी शरीफ के साथ शराफत और बलवाइयों से उसी की भाषा में समझाती है। हमारे पास तमाम हाईटेक शस्त्र है एके 47 से उच्च श्रेणी के एमपी फाइव शस्त्र हैं। उन्होंने बताया कि एनएसजी और सीआरपीएफ की तरह ही हमारा कंट्रोल रूम भी हाईटेक होगा। उसके उच्चीकरण के लिए प्रयास भी चल रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पुराने कर्मचारी के अनुभव से नए जवान व अधिकारियों को लाभांवित किया जाए। उनमें पारंपरिक तरीके से वह गुण व अनुभव आते रहें यह कोशिश रहेगी। पीएसी में तैनाती सजा नहीं बल्कि केवल सोच का फर्क है, इसको भी वह अपने कार्यकाल में बदल देंगे। भ्रमण के बाद उन्होंने जवानों को संबोधित किया। इस दौरान कंमाडेंट राजेश कृष्ण, डीसी एनपी सिंह आदि मौजूद रहे।

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