कृमि के संक्रमण से शारीरिक व मानसिक विकास होता प्रभावित

जागरण संवाददाता बांदा कृमि (पेट में कीड़े) के संक्रमण से बच्चों का शारीरिक और मानसि

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:00 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:00 PM (IST)
कृमि के संक्रमण से शारीरिक व मानसिक विकास होता प्रभावित
कृमि के संक्रमण से शारीरिक व मानसिक विकास होता प्रभावित

जागरण संवाददाता, बांदा : कृमि (पेट में कीड़े) के संक्रमण से बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है। इससे बचने के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। कृमि संक्रमण की रोकथाम के लिए एल्बेंडाजॉल की गोली बच्चों को खिलाई जाती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दो अगस्त से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है, जो 11 अगस्त तक चलेगा। जिले में एक से 19 साल के 8,27,415 बच्चों को आशा व एएनएम डोर टू डोर दवा खिलाएंगी।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी नोडल अधिकारी डा. आरएन प्रसाद ने बताया कि पहले चरण में 17 जनपदों में यह कार्यक्रम दो अगस्त से शुरू हो रहा है। इसमें बांदा जनपद भी शामिल है। यहां 8.27 लाख बच्चों को एल्बेंडाजाल की गोली खिलाई जानी है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पेट के कीड़े एक विश्वव्यापी जन स्वास्थ्य समस्या है। बच्चों में कीड़ों के संक्रमण से जहां एक ओर बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में बाधा आती है, वहीं दूसरी ओर उनके पोषण और हीमोग्लोबिन स्तर भी कम हो जाता है। नोडल अधिकारी ने बताया कि गोली खाने से बच्चों में खून की कमी की समस्या दूर होती है। पोषण स्तर में बढ़ोतरी होती है। एक से दो साल तक की बच्चों को आधी गोली पीसकर व पानी में घोलकर पिलाना है। 2 से 19 साल के बच्चों को 1 गोली चबाकर खाने के बाद पानी पीना है। लेकिन गोली को खाली पेट नहीं खिलाना चाहिए।

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कृमि नियंत्रण के यह हैं फायदे

आरबीएसके आरकेएसके के डीईआइसी मैनेजर वीरेंद्र प्रताप ने बताया कि कृमि नियंत्रण किए जाने से बच्चों में खून की कमी में सुधार होगा, पोषण स्तर बेहतर होगा। बच्चे की भविष्य में कार्य क्षमता में बढ़ोतरी होगी। वातावरण में कृमि की संख्या कम होने पर समुदाय को लाभ मिलता है।

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