ट्रैक्टर से कुचलकर मजदूर की मौत

संवाद सहयोगी नरैनी (बांदा) अवैध मौरंग ढुलाई को जाते समय घाट के पास ट्रैक्टर से कुचलकर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 04:58 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 04:58 PM (IST)
ट्रैक्टर से कुचलकर मजदूर की मौत
ट्रैक्टर से कुचलकर मजदूर की मौत

संवाद सहयोगी नरैनी (बांदा) : अवैध मौरंग ढुलाई को जाते समय घाट के पास ट्रैक्टर से कुचलकर मजदूर की मौत हो गई। स्वजन का आरोप है कि घर से ले जाकर मौरंग कारोबारी ने पीटकर हत्या कर दी है। पुलिस ने शव कब्जे में लिखा-पढ़ी की। मामले की जांच की जा रही है।

नरैनी कोतवाली क्षेत्र के ग्राम धोबिनपुरवा पुकारी निवासी 24 वर्षीय मजदूर राममनोहर पुत्र कल्लू शुक्रवार रात खलारी गांव रंज नदी के मोहनपुर घाट ट्रैक्टर में मौरंग भरने जा रहा था। घाट की चढ़ाई पर चलते ट्रैक्टर से नीचे गिरने में उसकी पहिए से कुचलकर मौत हो गई। घटना के बाद साथी मजदूर उसे सीएचसी ले गए। मृतक के चाचा राकेश कुमार ने बताया कि खलारी गांव का मौरंग कारोबारी एवं ट्रैक्टर मालिक उसे रात में घर से मजदूरी कराने के लिए ले गया था। आरोप लगाया कि मौरंग का अवैध खनन व ढुलाई करने वालों ने पीटकर उसे मार दिया है। जिसके चलते उन्होंने रात में हुई घटना की कोई जानकारी नहीं दी। वह राममनोहर की खोज करते हैं। शनिवार सुबह उन्हें मजदूरों से घटना की जानकारी हुई है। यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने ट्रैक्टर की जगह मिनी ट्रक (डग्गी) को करतल चौकी में खड़ा कराया है। आरोपित नदी से चोरी-चोरी मौरंग निकाल कर ग्राम कंधीपुरवा में डंप करते हैं। मृतक तीन भाई व एक बहन में बड़ा होने के साथ अविवाहित था।कोतवाली प्रभारी राकेश तिवारी ने बताया कि स्वजन की तहरीर मिलने पर आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया जाएगा। प्रथम ²ष्टया मामला ट्रैक्टर से गिरने पर हादसा होना सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का कारण पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा।

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चार सौ रुपये मजदूरी को कहकर ले गए थे साथ

- घटना के बाद स्वजन ने बताया कि वह इधर पहली बार मजदूरी करने गया था। आरोपित मौरंग कारोबारी चार सौ रुपये एक रात में मजदूरी देने को कहकर साथ ले गए थे। चंद मजदूरी के पीछे उसकी जान चली गई है।

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सूरत में चलाता था पैकिग मशीन, 15 का था टिकट

- जिस मजदूर की मौत हुई स्वजन के मुताबिक वह कुछ माह पहले सूरत से कमाकर घर लौटा था। वहां वह कपड़ों की पैकिग की मशीन चलाता था। 15 दिसंबर को उसे वापस लौटकर सूरत जाना था। उसका टिकट भी बन चुका था।

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भूमिहीन होने से मजदूरी ही थी सहारा

- स्वजन ने बताया कि मृतक राममनोहर के ऊपर घर की पूरी जिम्मेदारी थी। भूमिहीन होने से बड़ा बेटा होने के नाते वह मजदूरी करके घर का खर्च चलाता था। घटना से मां कुषमा समेत अन्य स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार को अब आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा।

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