पदारथपुर में ग्राम प्रधान महिला, बोर्ड में लिखा पुरुष का नाम
संवाद सूत्र चिल्ला सरकार व अधिकारी कितना जोर लगा लें लेकिन कर्मचारियों की उदासीनता से सभी
संवाद सूत्र चिल्ला : सरकार व अधिकारी कितना जोर लगा लें लेकिन कर्मचारियों की उदासीनता से सभी प्रयास व सही सूचनाएं धूमिल हो जाती हैं। महिला सशक्तीकरण का प्रयास भी निरर्थक साबित हो रहा है। ऐसा ही क्षेत्र के ग्राम पंचायत पदारथपुर में है। यहां निर्वाचित महिला प्रधान को पर्दे के पीछे रखकर उनके स्वजन व पति ही सर्वेसर्वा बने हैं। यहां तक कि गांव के डिस्प्ले बोर्ड पर भी निर्वाचित प्रधान की जगह उनके पति ने अपना नाम लिखवा रखा है। अधिकारी भी यह देखकर आंख मूंद लिए हैं।
महिला सशक्तिकरण के नाम से कई कार्यक्रमों के जरिए सरकार पानी की तरह रुपये बहा रही हैं। लेकिन अभी भी कई महिलाएं चूल्हा चौका तक ही सीमित रह गई हैं। जबकि कई जगहों पर महिलाओं को पंचायत चुनाव में पूरी भागेदारी देने के लिए महिला सीट आरक्षित की गई हैं। जिससे कि वह अपनी पूरी क्षमता के साथ बिना किसी रोक-टोक के काम कर सकें। लेकिन सरकार की इस मंशा को विभागीय अधिकारी ही पलीता लगवा रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण तिदवारी ब्लाक क्षेत्र के पदारथपुर गांव में देखने को मिला है। यहां पर गांव के बाहर लगे डिस्प्ले बोर्ड में महिला ग्राम प्रधान का नाम न लिखकर पुरुष प्रधान का नाम लिखा हुआ है। जबकि इस गांव के प्रधान की सीट सामान्य महिला को आरक्षित थी। नाम सही न अंकित होने की शिकायत ग्राम पंचायत सदस्य मनोज ने मंडलायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर की है। उनकी मांग है कि आरोपित कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।