बांदा में दिल्ली व पानीपत से आए बाबा के भक्तों में दिखी श्रद्धा

संवाद सूत्र तिदवारी सिमौनी के मौनी बाबा धाम मेले में भक्तों की असीम आस्था है। दिल्ली पानीपत सहि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Dec 2020 11:51 PM (IST) Updated:Wed, 16 Dec 2020 11:51 PM (IST)
बांदा में दिल्ली व पानीपत से आए बाबा के भक्तों में दिखी श्रद्धा
बांदा में दिल्ली व पानीपत से आए बाबा के भक्तों में दिखी श्रद्धा

संवाद सूत्र तिदवारी : सिमौनी के मौनी बाबा धाम मेले में भक्तों की असीम आस्था है। दिल्ली, पानीपत सहित दूर-दराज से हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में भक्त स्वामी अवधूत महाराज के दर्शन व आशीर्वाद को आते हैं। बड़े कारोबारी व अधिकारी यहां श्रद्धा व सेवा भाव से रुकते हैं और श्रमदान करते हैं। मेले के दूसरे दिन यहां श्रमदान में जुटे इन भक्तों में स्वामी जी के प्रति विश्वास दिखा। कोई भंडारे में हाथ बंटा रहा है तो कोई सफाई में लगा है। भक्तों ने कहा कि मौनी धाम की माटी सिर पर लगाने से बड़े से बड़े कष्ट दूर हो जाते हैं। इसी आस्था के साथ वह यहां दशकों से आ रहे हैं। उन्हें यहां आश्रम में रुककर सेवा करने से विशेष सुख व शांति की अनुभूति होती है।

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-हम कई वर्षों से बाबा अवधूत महाराज जी के साथ जुड़े हैं। दस साल से सिमौनीधाम आ रहे हैं। उनके यहां आने का मकसद बाबा का आशीर्वाद और श्रद्धालुओं की सेवा करना है।

-अनिल, दिल्ली

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-काफी अर्से से मेले और भंडारा में सेवा भाव करने के लिए सिमौनी धाम आ रहे हैं। स्वामी जी ने उन्हें पहले से ही जिम्मेदारी दी हैं। उनका यहां निर्वहन कर रहे हैं।

-मोतीलाल, पानीपत

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-करीब 15 साल से सिमौनीधाम स्वामी जी की जन्मस्थली आ रहा हूं। यहां की माटी सिर में लगाने के बाद सब कष्टों का निवारण हो जाता है।-

महावीर, दिल्ली

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- सिमौनीधाम एक ऐसा धाम बन गया है, जहां देश व विदेश में मौजूद भक्त भंडारे में सेवा करने के लिए अवश्य आते हैं। भक्ति के आगे कोरोना की समस्या भी मेला में आड़े नहीं आ रही है।

-जगवीर भांटी, दिल्ली।

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-सिमौनी धाम आश्रम में असीम सुख की अनुभूति होती है। पता नहीं चलता कि तीन दिन कैसे व्यतीत हो जाते हैं। अवधूत महाराज के दर्शन मात्र से ही आत्मिक सुख की अनुभूति होती है।

-उमेश चौधरी, दिल्ली।

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-मौनी धाम आश्रम में संत मौनी की समाधि के दर्शन से परम सुख की अनुभूति होती है। साथ ही सेवा और समर्पण की भावना श्रद्धालुओं में संचार करती है। यहां पर अनेकता में एकता के दर्शन सुलभ हो जाते हैं।

-उदय सिंह, दिल्ली।

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