एक चिकित्सक पर आठ हजार के उपचार का भार, होती दिक्कत

जागरण संवाददाता बांदा जनपद में जनसंख्या के हिसाब से चिकित्सीय व नर्सिंग के अलावा अन्य स्टाफ क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 07:21 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 07:21 PM (IST)
एक चिकित्सक पर आठ हजार के उपचार का भार, होती दिक्कत
एक चिकित्सक पर आठ हजार के उपचार का भार, होती दिक्कत

जागरण संवाददाता, बांदा : जनपद में जनसंख्या के हिसाब से चिकित्सीय व नर्सिंग के अलावा अन्य स्टाफ की भारी कमी है। करीब आठ हजार लोगों के उपचार की जिम्मेदारी का भार एक एमबीबीएस चिकित्सक पर रहता है। संभावित तीसरी लहर में स्टाफ की यह कमी बेहतर उपचार देने में रोड़ा बन सकती है।

कोरोना संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को लेकर शासन स्तर से जहां हर अस्पताल को उपकरण व आक्सीजन प्लांट से लैस कराया जा रहा है। पहले से उपचार संबंधी सभी तैयारियां चल रही हैं। वहीं जनसंख्या के हिसाब से चिकित्सकों की जिले में उपलब्धता काफी कम है। स्वीकृत नियतन के पद ही पूरे नहीं भरे हैं। 18 लाख की आबादी के बीच कुल 228 एमबीबीएस चिकित्सकों की उपलब्धता है। 77 चिकित्सकों के पद खाली हैं। इसी तरह नर्सिंग, वार्ड ब्वाय व स्वीपर के भी कई पद रिक्त चल रहे हैं। जबकि इस समय मेडिकल कालेज में 800 मरीजों की ओपीडी चल रही है। इसी तरह जिला अस्पताल में भी करीब 900 से एक हजार मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में एक दिन में करीब 250 से 300 सौ मरीज संक्रमित हो रहे थे। जिसमें चिकित्सीय व अन्य स्टाफ की कमी से मौजूद स्टाफ पर काफी वर्कलोड पड़ा था। संभावित तीसरी लहर की तैयारी में भी स्टाफ की कमी उपचार व व्यवस्थाओं में दिक्कत कर सकती है। जबकि आबादी के हिसाब से कम से कम इससे दोगुना चिकित्सीय स्टाफ होना चाहिए। जिससे सभी मरीजों का समय पर सही उपचार हो सके।

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- संभावित तीसरी लहर में उपलब्ध स्टाफ के अलावा संविदा स्टाफ व आयुष चिकित्सकों की भी मदद ली जाएगी। उनकी ओर से मरीजों को अच्छे से अच्छा उपचार दिलाने का प्रयास रहेगा। स्टाफ की मांग स्वास्थ्य निदेशालय से की गई है।

- डा. वीके तिवारी सीएमओ

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- ओपीडी के कार्यों में अभी किसी तरह की दिक्कत नहीं आ रही है। लेकिन संक्रमण के दौर के हिसाब से पहले की अपेक्षा स्टाफ इस समय कम है। नए प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर जल्द ही मिलने की उम्मीद है। जिससे कोई दिक्कत नहीं रहेगी।

- डा. मुकेश यादव मेडिकल कालेज प्राचार्य

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स्थानांतरण प्रक्रिया ने बिगाड़ी स्थिति

- कोरोना की दूसरी लहर में मुख्य कोविड-19 राजकीय मेडिकल कालेज में उपलब्ध चिकित्सीय स्टाफ ने मरीजों को अपनी ओर से बेहतर उपचार देने का प्रयास किया था। इससे ज्यादातर संक्रमित स्वस्थ होकर घर गए हैं। लेकिन 12 प्रोफेसरों के एक साथ स्थानांतरित होने से तैनाती की संख्या कम हुई है।

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जनपद में तैनाती व रिक्त स्टाफ की यह है स्थिति

अंडर सीएमओ उपलब्धता

पद - स्वीकृत नियतन - उपलब्धता - अभाव

चिकित्सक 121 85 36

फार्मासिस्ट 25 5 20

वार्ड ब्वाय 62 56 6

स्वीपर 63 46 17

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राजकीय मेडिकल कालेज के स्टाफ की स्थिति

प्रोफेसर 15 8 7

एसोसिएट प्रोफेसर 25 7 18

असिस्टेंट प्रोफेसर 34 28 6

सीनियर रेजिडेंट 39 16 23

जूनियर रेजिडेंट 60 60 00

नर्सिंग स्टाफ 247 200 47

वार्ड ब्वाय 150 59 91

स्वीपर 130 60 70

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जिला अस्पताल स्टाफ की स्थिति

चिकित्सक 36 22 14

नर्सिंग स्टाफ 41 21 20

फार्मासिस्ट 8 8 00

वार्ड ब्वाय 18 14 4

स्वीपर 9 7 2

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