बुंदेलखंड के युवाओं में खून की कमी की विकट समस्या

जागरण संवाददाता बांदा बुंदेलखंड में नवयुवकों एवं नवयुवतियों में खून की कमी की विकट समस्या

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:30 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:30 PM (IST)
बुंदेलखंड के युवाओं में खून की कमी की विकट समस्या
बुंदेलखंड के युवाओं में खून की कमी की विकट समस्या

जागरण संवाददाता, बांदा : बुंदेलखंड में नवयुवकों एवं नवयुवतियों में खून की कमी की विकट समस्या है। इसके समाधान को वे दैनिक आहार में गुड़, हरी पत्तेदार सब्जियां, करौंदा, चुकंदर को शामिल करें। यह बातें कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा.यूएस गौतम ने कही।

शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र तथा इफको के संयुक्त तत्वाधान में अंतराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के परिपेक्ष्य में पोषण वाटिका महाभियान एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। उद्यान महाविद्यालय के कान्फ्रेंस हाल में आयोजित इस कार्यक्रम में किसानों, महिलाओं व बालिकाओं को पोषक अनाजों व टिकाऊ खेती के बारे में जागरूक किया गया।

मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल ने बुंदेलखंड की पुरानी संस्कृति, परंपरागत भोज्य पदार्थों को संजोकर रखने के लिए सभी से अपील की। प्रबंध समिति अटारी (कानपुर) सदस्य बलराम कछवाह ने पोषक अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिये सभी कृषकों को प्रेरित किया और कहा कि इससे दुगना लाभ होगा। कुलपति डा.यूएस गौतम ने कहा कि मिलावटखोरी की वजह से पोषण युक्त अनाज, सब्जी दूध आदि प्राप्त नहीं हो पाते हैं। इसलिये हमें अपने घर पर ही सब्जी उगाकर परिवार के पोषण का ध्यान रखना चाहिये। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की आगामी कार्ययोजना में स्टार्टअप इंडिया के तहत स्वयं सहायता समूह,कृषक उत्पादक संगठन को जोड़कर मोटे अनाजों का उत्पादन, प्रसंस्करण एवं विपरण कराने की योजना है। विश्वविद्यालय के सह निदेशक प्रसार डा. नरेंद्र सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र कुपोषण से प्रभावित है। कुपोषण की समस्या से निजात पाने के लिए स्थानीय पोषक अनाज जैसे बाजरा, जौ, ज्वार, मोटे अनाज के उपयोग पर जोर दिया। मोटे अनाज को खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में बढ़ावा देने के उद्देश्य से केवीके द्वारा बाजरे का मूल्यवर्धन व प्रसंस्करण कर लड्डू तैयार किये गये, जिसका विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को पोषण वाटिका किट, जामुन, नीबू एवं करौंदे की एक हजार पौध का वितरण किया गया। इस मौके पर 40 किसान, 50 महिलाएं व 75 बालिकाएं शामिल रहीं।

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