दीप जलाकर महाराणा प्रताप के संघर्षो को किया याद
जागरण संवाददाता बांदा मुगल काल में बढ़ रहे साम्राज्यवाद की लहर को रोकने के लिए मेवाड़
जागरण संवाददाता, बांदा : मुगल काल में बढ़ रहे साम्राज्यवाद की लहर को रोकने के लिए मेवाड़ के शासक महाराणा प्रताप ने न केवल संघर्ष किया बल्कि दिल्ली सल्तनत को नाको चने चबवा दिए। संघर्ष के बीच उनके शहीद होने पर तत्कालीन मुगल शासक अकबर ने भी उनकी वीरता की सराहना की। जन्मदिन पर शहर के गणमान्य लोगों ने उनकी प्रतिमा पर दीप जलाया। उनके संघर्षों को याद किया है।
नौ मई 1540ई. में मेवाड़ के शासक महाराणा उदय सिंह के घर में देश की आन बान शान की रक्षा में जीवन भर संघर्ष करने वाले महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन के अवसर पर शहर के महाराणा प्रताप चौक में प्रतिमा के सामने दीपक जला कर शोभाराम कश्यप, वीरेंद्र कुमार सेन, अभय प्रताप सिंह प्रिस, दिनेश कुमार सिंह आदि लोगों ने महाराणा प्रताप को याद किया। देश की आजादी को बनाए रखने का संकल्प लिया। कहा कि उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए सबकुछ न्यौछावर कर दिया था। इसी संघर्ष में उन्होंने अपना शरीर छोड़ा लेकिन कभी मुगलिया दास्तां स्वीकार नहीं की। उनके इस त्याग पर स्वयं मुगल शासक अकबर ने भी लोहा माना था। पुष्प अर्पित कर सभी ने मुल्क के लिए जज्बा ओ ईमान रखते हैं। हम जुबां पे नहीं दिल में अपने देश को रखते हैं की पंक्तियां दोहराईं।