329 मिली से साथ जुलाई में दर्ज की गई रिकार्ड बारिश
जागरण संवाददाता बांदा पिछले महीने मौसम मिला-जुला रहा। पहला पखवारा मामूली बारिश के साथ स
जागरण संवाददाता, बांदा: पिछले महीने मौसम मिला-जुला रहा। पहला पखवारा मामूली बारिश के साथ सूखा बीत गया। दूसरे पखवारे में रुक-रुक कर हुई बारिश ने पिछले साल के रिकार्ड को तोड़ दिया। इस वर्ष कुल सवा तीन सौ मिमी. बारिश रिकार्ड की गई जो पिछले साल जुलाई की तुलना मे 67 मिमी. अधिक है। हालांकि कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी इसे असामान्य बारिश करार देते हुए खेती के लिहाज से बेहतर नहीं मानते क्योंकि शुरुआत मे पर्याप्त वर्षा न होने से बोआई व रोपाई के कार्य में कई क्षेत्रो पर असर बताया जा रहा है। कृषि प्रधान जिले में ज्यादातर किसानों की खेती मुख्य रूप से बारिश पर ही निर्भर करती है। यहां आमतौर पर जून के अंतिम पखवारे या सप्ताह से मानसून सक्रिय होता है। इसी के साथ बारिश व खेती का सिलसिला शुरू हो जाता है। इस साल जून में शुरुआती बारिश खेती के लिहाज से पर्याप्त नहीं। जुलाई के पहले पखवारे में भी बारिश कम ही रही। किसानो का कहना है कि बोआई के समय पर्याप्त वर्षा न होने से खेती इसका काफी असर पड़ा है। जुलाई में हुई कल वर्षा की बात करें तो सवा तीन सौ मिलीमीटर से भी ज्यादा बारिश रिकार्ड की गयी है जो पिछले साल से ज्यादा है। कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक जुलाई में 329 मिलीमीटर कुल बारिश हुई है। पहले पखवारे में जहां लगभग 20 से 30 मिलीमीटर वर्षा हुई वहीं दूसरे पखवारे में अलग-अलग दिनों में करीब तीन सौ मिलीमीटर वर्षा हुई। मौसम वैज्ञानिक इसे असमान वर्षा मान रहे हैं। वैज्ञानिक कहते हैं कि पिछले महीने बारिश तो खूब हुई लेकिन असमान बरसात होने से बहुत से किसान न तो समय से खरीफ की दलहनी-तिलहनी फसल बो पाए और न ही धान की रोपाई के लिए नर्सरी ड़ाल सके जिससे बोआई पर तो असर पड़ा ही साथ कई क्षेत्रों में रोपाई में भी असर पड़ा है। पिछले साल की तुलना में देखें तो इस साल की जुलाई में 67 मिलीमीटर पानी ज्यादा बरसा है। पिछली जुलाई में कुल 262 मिली मीटर बारिश रिकार्ड की गई।
- इस साल जुलाई में सवा तीन सौ मिलीमीटर बारिश विश्वविद्यालय ने रिकार्ड़ की है जो सामान्य औसत से ज्यादा है। पिछले साल की जुलाई से भी अधिक वर्षा इस साल की जुलाई में हुई है। लेकिन यह बारिश असमान रूप से हुई पहले पखवारे में खेती के लिहाज से पानी न के बराबर बरसा फिर दूसरे पखवारे में इतनी ज्यादा बारिश हुई जिसका असर खेती पर पड़ा है।
-डा. दिनेश साह, प्रभारी मौसम विज्ञान विभाग कृषि विश्वविद्यालय चार सालों में जुलाई माह की बारिश
वर्ष बारिश(मिलीमीटर में)
2021 329 2020 262
2019 341 2018 370