मनरेगा से तालाब व मेड़बंदी से बारिश का पानी रोकने की तैयारी
जागरण संवाददाता बांदा मनरेगा योजना से एक बार फिर जल संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा मिले
जागरण संवाददाता, बांदा : मनरेगा योजना से एक बार फिर जल संरक्षण के कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। जिले में ढाई सैकड़ा से अधिक मेड़बंदी व आधा सैकड़ा से ज्यादा तालाब बारिश के पानी को रोकने का काम करेंगे। इसी तरह पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से गड्ढ़ों की खोदाई का काम चल रहा है।
मनरेगा योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। श्रम बजट में कई करोड़ रुपये हर साल खर्च होते हैं। पिछले दिनों पंचायत चुनाव व कोरोना के चलते योजना की रफ्तार बेहद मंद पड़ चुकी थी। जिसे एक बार फिर धार देने की तैयारी है। मानसून से पहले ही इस साल बारिश शुरू है। लिहाजा वर्षा जल को अधिक से अधिक रोकने के लिए योजना में जल संरक्षण के कामों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में 64 तालाबों पर खोदाई हो रही है। 250 स्थानों पर मेड़ बांधी जा रही हैं। वहीं 60 नाला खोदे जा रहे हैं ताकि बारिश के पानी को ज्यादा से ज्यादा संरक्षित किया जा सके।
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-मनरेगा योजना से जल व पर्यावरण संरक्षण के कार्यों को प्राथमिकता से कराया जा रहा है। लगभग साढ़े तीन सौ काम चल रहे हैं। ताकि वर्षा जल को ज्यादा से ज्यादा तालाब, बंधों व नालों के द्वारा संरक्षित किया जा सके। -राघवेंद्र तिवारी, उपायुक्त मनरेगा
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पौधरोपण के लिए खोदे जा रहे गड्ढ़े
बांदा : अबकी बार मनरेगा से करीब 18 लाख पौधरोपण का लक्ष्य है। बारिश शुरू है। जुलाई में पौधरोपण का कार्यक्रम प्रस्तावित रखा गया है। लिहाजा मनरेगा के पास बड़ा लक्ष्य होने के चलते तैयारियां शुरू हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गड्ढों की खोदाई का काम चल रहा है। इन्हीं गड्ढों में पौधारोपित किए जाएंगे।