बांदा में अपने ही मुखबिर से मात खा रही पुलिस, सोमचंद्र पकड़ से दूर
जागरण संवाददाता बांदा प्रयागराज में तैनात सिपाही अभिजीत उसकी मां रमादेवी और बहन निशा ह
जागरण संवाददाता, बांदा : प्रयागराज में तैनात सिपाही अभिजीत, उसकी मां रमादेवी और बहन निशा हत्याकांड का मास्टर माइंड बताया जाने वाला सोमचंद्र पुलिस की हर चाल की काट कर रहा है। सर्विलांस से बचने के लिए जहां मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, वहीं हर दूसरे दिन जगह बदलने से पुलिस की गिरफ्त से दूर है। हिस्ट्रीशीटर सोमचंद्र कभी पुलिस का खास मुखबिर रहा, जिसकी वजह से पुलिस की हर चाल से वाकिफ है। यही कारण है कि घटना के आठ दिन बाद भी पुलिस उसका सुराग नहीं पा सकी है।
शहर कोतवाली क्षेत्र की कालूकुआं चौकी के परशुराम तालाब चमरौडी में 20 नवंबर की देर रात पड़ोसी ताऊ के बेटों, उनके परिवार और नाते-रिश्तेदारों ने हमला कर तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया था। सिपाही के घर पर हमला बोलकर कुल्हाड़ी से काट बेरहमी से हत्या की थी। पूरे घटनाक्रम के पीछे देवराज के साले सोमचंद्र का शातिर दिमाग बताया जाता है। दिवंगत सिपाही अभिजीत वर्मा उर्फ गोल्डी के भाई सीतापुर में पीएसी की ट्रेनिग करने वाले सौरभ ने पंद्रह नामजद व दो अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। कोतवाली पुलिस चार नामजद महिलाओं समेत दस लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। तिहरे हत्याकांड की साजिश के पीछे शहर कोतवाली की टॉप टेन में दूसरे नंबर पर दर्ज सोमचंद्र का चेहरा सामने आया है।
22 स्थानों पर दबिश दे चुकी पुलिस, हाथ खाली
पुलिस कप्तान सिद्धार्थ शंकर मीना ने आरोपितों को गिरफ्त में लेने के लिए तीन टीमों का गठन किया। एसओजी भी सुराग में लगी है। उसके बावजूद अभी तक मास्टर माइंड पकड़ से दूर है। चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर के अलावा फतेहपुर तक दबिश दी जा चुकी है। बताया जाता है कि सुराग मिलते ही अभी तक 22 जगहों पर पुलिस छापेमारी कर चुकी है, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली है।
बोले जिम्मेदार
हत्यारोपितों को पकड़ने के लिए सभी टीमें हर संभावित स्थान पर दबिश दे रही हैं। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
आलोक मिश्रा, सीओ सिटी