इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन न मिलने से बेचैन रहे मरीज, लगाई गुहार

केस एक - तीमारदार शुभम ने बताया कि उनके मरीज का ऑक्सीजन लेवल 85 के करीब है। अस्पताल मे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 04:31 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 04:31 PM (IST)
इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन न मिलने से बेचैन रहे मरीज, लगाई गुहार
इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन न मिलने से बेचैन रहे मरीज, लगाई गुहार

केस एक - तीमारदार शुभम ने बताया कि उनके मरीज का ऑक्सीजन लेवल 85 के करीब है। अस्पताल में ऑक्सीजन सही से मरीजों को नहीं दी जा रही है। स्टाफ नर्सों से कहने पर ऑक्सीजन खत्म होना बता रही हैं। इससे वह खासा परेशान है। मरीजों की जान बचाने के लिए वह प्राइवेट से खरीदने को तैयार हैं। केस दो - फतेहपुर के एक मरीज का लेवल 60 से 65 के बीच में चल रहा है। ऑक्सीजन न मिलने से उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उसका कहना है कि काफी देर से ऑक्सीजन नहीं मिल रही है। जल्दी ऑक्सीजन की व्यवस्था कराई जाए। जिससे उनकी सांस उखड़ने से रुक सके। जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना संक्रमण को लेकर जिला अस्पताल में भी ऑक्सीजन की खपत बढ़ गई है। संभावित मरीजों का भी ऑक्सीजन लेवल घट रहा है। दोपहर में एक घंटे मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई। सेंट्रल ऑक्सीजन लाइन में सप्लाई बंद होने से मरीज बेचैन रहे हैं। जान का भी खतरा बना रहा है। जिला अस्पताल में कोरोना काल के पहले तीन जैबो बड़े सिलिडर रात व दिन में खर्च होते थे। लेकिन इस समय कम से कम 30 बड़े सिलिडरों की खपत है। अस्पताल में 130 छोटे व 34 बड़े सिलिडरों की उपलब्धता है। इसमें गुरुवार को बड़े सिलिडर पूरे खाली हो चुके थे। 50 छोटे सिलिडर बचे थे। जिनसे मरीजों को सेंट्रल ऑक्सीजन लाइन से भर्ती मरीजों को सप्लाई दी जा रही थी। अकेले अंदर के इमरजेंसी वार्ड के 16 बेडो में 14 में मरीज भर्ती रहे। इसमें 8 से 9 मरीज ऐसे हैं। जिनका ऑक्सीजन लेवल घट रहा है। ऑक्सीजन लेवल 90 की जगह किसी का 60 से 65 रहा तो किसी का 80 व 85 रहा। ऐसी स्थिति में उन्हें ऑक्सीजन देना अनिवार्य रहता है। लेकिन सुबह से मरीजों को रोक-रोक कर वहां सप्लाई दी गई। इससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दोपहर करीब सवा दो बजे से एक घंटे के लिए पूरी तरह ऑक्सीजन सप्लाई सेंट्रल लाइन में बंद हुई तो मरीजों को बेचैनी होना शुरू हो गई। उनके तीमारदार परेशान होकर ऑक्सीजन चालू कराने को दौड़ने लगे। कई जगह तीमारदारों ने मदद के लिए फोन मिलाना शुरू कर दिया। जिसके बाद सप्लाई दुरुस्त कराई गई। यह स्थिति तब है जब कोरोना काल का समय चल रहा है। ऐसी घोर लापरवाही में तो किसी की जान भी जा सकती है। ----------------------------- - जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की उपलब्धता कम नहीं है। यदि ऑक्सीजन बंद कराई गई है तो वह मामले को दिखवा रहे हैं। ऑक्सीजन की सेंट्रल लाइन में सप्लाई कराई जाएगी। - डॉ. एनडी शर्मा मुख्य चिकित्साधिकारी

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