फैला संक्रमण तो मालिक ने भी सिकोड़ लिया हाथ, लौटना बना मजबूरी

संवाद सूत्र चिल्ला रात में नींद नहीं आती थी उधार की रोटी से पेट भर रहे थे। कोरोना सं

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 05:59 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 05:59 PM (IST)
फैला संक्रमण तो मालिक ने भी सिकोड़ लिया हाथ, लौटना बना मजबूरी
फैला संक्रमण तो मालिक ने भी सिकोड़ लिया हाथ, लौटना बना मजबूरी

संवाद सूत्र, चिल्ला : रात में नींद नहीं आती थी, उधार की रोटी से पेट भर रहे थे। कोरोना संक्रमण तेज हुआ तो मालिक ने भी हाथ सिकोड़ लिया। पैसे देने बंद कर दिए। जमापूंजी खत्म हो गई। दूसरे साथियों से कर्जा लिया और घर की राह पकड़ ली। अब दोबारा जाने की हिम्मत नहीं है। यह कहना है सूरत में काम करने के दौरान संक्रमण फैलने से बेरोजगार हुए युवाओं का।

हाल ही में चिल्ला गांव निवासी तीन लोग सूरत से लौटे हैं। शिवप्रसाद का 22 वर्षीय बेटा योगेश, लक्ष्मी का पुत्र 21 वर्षीय विमल और देवराज का 25 वर्षीय पुत्र रामकरण अक्टूबर 2020 में रोजगार के लिए सूरत गए थे। बताते हैं कि वहां एक फैक्ट्री में धागा भरने का काम करते थे। योगेश ने बताया की यहां पर घर की हालत ठीक नहीं देख चले गए थे। आर्थिक तंगी ने परिवार की मदद के लिए घर छुटा दिया था। विमल बताता है कि जमीन के नाम पर टुकड़ा है। पारिवारिक हालात बहुत कष्टदायक थे, आर्थिक तंगी हमेशा परेशान करती थी। जिसके बाद परदेस जाकर कमाने का मन बनाया और चले गए थे। एक माह पहले से काम बंद हुआ। सूरत से लौटे प्रवासी युवा बताते हैं कि काम बंद होने के बाद मालिक ने भी मदद बंद कर दी। रामकरण ने बताया कि कोरोना संक्रमण तेज हो गया। करीब एक माह तक इसी उम्मीद में रहे कि हालात ठीक हो जाएंगे। इस दौरान जमा पूंजी भी खत्म हो गई। खाने-पीने की परेशानी शुरू हो गई तो जान पहचान वालों से मदद ली। किसी तरह एक समय खाना खाकर गुजारा किया। हालात बेकाबू हुए और खुद की जान खतरे में नजर आने लगी जिसके बाद वापस लौटने में ही भलाई समझी। दूसरों से कर्ज मांगा और दोबारा आने पर चुकाने का वादा कर चले आए।

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