खनिज विभाग की मेहरबानी, सीज डंप से बिक रही मौरंग
जागरण संवाददाता बांदा सरकारी तौर पर नदियों से खनन बंद हो गया। उसके पहले ही लाइसेंस
जागरण संवाददाता, बांदा : सरकारी तौर पर नदियों से खनन बंद हो गया। उसके पहले ही लाइसेंस लेकर दर्जनों स्थानों पर मौरंग के पहाड़नुमा डंप लगवा लिए गए हैं। बहुत से डंप की आड़ में ओवरलोडिग का खेल बदस्तूर जारी है। केवल इतना ही नहीं, मानक से ज्यादा मौरंग का स्टाक लगाने के आरोप में जो डंप सीज किए गए, उनके संचालकों पर कोई लगाम नहीं लग सकी है। सीज डंप से भी मशीनों के जरिए ओवरलोड मौरंग भरी जा रही है। यह हाल तब है, जब हाल ही में यहां के खान अधिकारी सुभाष सिंह पर निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है।
जिले में लाल सोने की लूट जमकर होती रही है। विभागीय मिलीभगत से माफिया की पौ बारह रही। नदियों का सीना छलनी करने का दौर चोरी-छिपे अभी जारी है। रात गहराते ही ट्रैक्टरों के जरिए अवैध रूप से निकाली जाने वाली मौरंग लाइसेंसी डंप तक पहुंचाई जाती है। यही वजह है कि रोज ही दर्जनों गाड़ियां लोड होने के बाद भी इनके पहाड़ में कोई कमी नहीं आती है। अब तो सीज डंप भी ओवरलोड मौरंग बेच रहे हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि मुख्यालय से महज आठ से दस किलोमीटर दूर दो मौरंग भंडारण केंद्र हैं। जिन पर खनिज विभाग ने मानक से ज्यादा माल रखने पर सीज करने की कार्रवाई की थी। अब यही कार्रवाई इन मौरंग भंडारण के संचालकों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही है। शहर कोतवाली के मवई बुजुर्ग गांव में तालाब के पास स्थिति एक भंडारण है तो दूसरा देहात कोतवाली क्षेत्र के महोखर गांव के नहर पट्टी पर है। दोनों ही डंप को खनिज विभाग की टीम ने मानक से ज्यादा माल एकत्र करने पर कार्रवाई करते हुए सीज कर दिया था। अब संचालकों व विभाग की मिलीभगत से कुछ दिनों से मौरंग बेची जा रही है। इन डंप में बिना रवन्ना के माल लेने वाले ट्रकों की लाइन रोड़ तक लगी देखी जा सकती है। कारोबार से जुड़े कुछ संचालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह दोनों डंप सीज हैं। इसके बावजूद खुलेआम संचालित हो रहे हैं। जिससे अन्य डंप संचालकों को नुकसान हो रहा है। बिना किसी सरकारी टैक्स दिए हुए अपने मनमर्जी के रेट खोलकर मार्केट में विभाग द्वारा निर्धारित रेट बिगाड़ रहे हैं।
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खनिज विभाग की कार्रवाई में माफिया सेफ, ट्रकों पर गिरी गाज
बांदा : खनिज अधिकारी ने चिल्ला व महोखर नहर पट्टी पर तकरीबन दस गाड़ियों को पकड़ कर ओवरलोड़िग पर चालान कर थानों को गाड़ियां सुपुर्द कर दी थीं। जिन डंप से यह माल लेकर निकल रहे थे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह वहीं डंप हैं जो सीज होने के बावजूद बेधड़क संचालित हो रहे हैं। विभागीय कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि टीम ने डंप के अंदर एक पोकलैड भी पकड़ी थी। जिसे कागजी कार्रवाई में शामिल नहीं किया गया। इन डंप के माल की नाप जरूर हुई है लेकिन अभी जुर्माना अदा न करने पर यह कागजों में सीज हैं।
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