बिजली की आंख मिचौली ने छीन ली रातों की नींद, फुंक रहे उपकरण
जागरण संवाददाता बांदा भीषण उमस के बीच बिजली की आंख-मिचौली ने आमजन की रातों की नींद उड
जागरण संवाददाता, बांदा : भीषण उमस के बीच बिजली की आंख-मिचौली ने आमजन की रातों की नींद उड़ा दी है। एक पखवारे से ट्रिपिग की समस्या दिनों-दिन तेज ही होती जा रही है। रातभर में चार से पांच बार गुल होने वाली बिजली के चलते लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ने लगा है। चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति का दावा और दर्जनों बार गुल होने वाली बिजली को लेकर लोगों में आक्रोश पनपने लगा है। गर्मी में लोड पड़ते ही ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं, जिससे कई इलाकों की बिजली गुल हो जाती है। नतीजा, सुबह पानी तक का संकट झेलना मजबूरी बन गया है। यह हाल तब है, जब जनप्रतिनिधि तक बिजली संकट को लेकर चेतावनी दे चुके हैं।
मंडल मुख्यालय से ही जिले में बिजली व्यवस्था का हाल समझा जा सकता है। आमजन विभागीय अधिकारियों की अनदेखी और बिजली के नखरे सहने को मजबूर हैं। हालत यह है कि शहरी क्षेत्र में ही दिन में कम से कम आठ से दस बार बिजली आती-जाती है। एकाएक हाई वोल्टेज से घरों के विद्युत उपकरण तक फुंक जाते हैं। एक बार बिजली ट्रिप होते ही काफी देर तक आपूर्ति बाधित हो जाती है।
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बढ़ते पारे में खपत ज्यादा तो संकट भी बढ़ा
बुंदेलखंड की गर्मी और दिनों-दिन बढ़ते पारे के बीच खपत बढ़ी तो संकट उससे ज्यादा खड़ा हो गया है। केवल दिन ही नहीं, रात में भी तीन से चार बार ट्रिपिग की समस्या खड़ी हो गई है। बिजली गुल होते ही लोगों की नींद उड़ जाती है। कमरे की उमस से बचने के लिए लोग छत पर टहलने को मजबूर हो रहे हैं। सबसे बुरा हाल महिलाओं और बच्चों का है।
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सांसद से लेकर विधायक तक दे चुके घुड़की
ऐसा नहीं कि बेपटरी होती बिजली व्यवस्था से आमजन ही त्रस्त हैं, बल्कि जनप्रतिनिधि तक घुड़की दे चुके हैं। आए-दिन मिलने वाली शिकायतों के बाद सासंद आरके सिंह पटेल और सदर विधायक प्रकाश चंद्र द्विवेदी ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। तीन दिन पहले प्रभारी मंत्री लाखन सिंह राजपूत समीक्षा बैठक ले रहे थे, तब सांसद आरके सिंह पटेल ने बिजली विभाग को आपूर्ति व्यवस्था में सुधार लाने के लिए 24 घंटे की मोहलत दी थी। सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी ने दो दिन में सुधार लाने की चेतावनी दी थी। कहा गया था कि अगर किसी सामान की कमी हो तो बताएं, उसे मुहैया कराया जाएगा। बिजली को लेकर आमजन को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। यह दीगर बात है कि बिजली विभाग पर अभी तक कोई असर पड़ता नहीं दिखा है और उपभोक्ता आजिज आ गए हैं।
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ट्रांसफार्मर फुंकते ही कई मोहल्लों की गुल होती बिजली
शहरी क्षेत्र के कई मोहल्लों में यह समस्या नासूर बन चुकी है। बेहतर आपूर्ति और किसी परेशानी या समस्या को लेकर फोन नंबर जारी करने वाले विभाग की चाल टेढ़ी ही नजर आ रही है। ओवरलोडिग के चलते दो दिन पहले मर्दननाका मोहल्ले का ट्रांसफार्मर रात होते ही धू-धूकर जलने लगा था। लोगों में अफरातफरी मच गई थी। सुबह पानी को लेकर हाहाकार मच गया और हैंडपंपों पर लोग बाल्टियों की कतार में नजर आए थे। कई मोहल्लों के हजारों लोगों को समस्या से दो-चार होना पड़ा था।
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उतार-चढ़ाव ने खड़ी की समस्या
शहर के कुछ मोहल्ले ऐसे हैं, जहां हमेशा वोल्टेज में उतार-चढ़ाव बना रहता है। सिविल लाइन्स डीसीडीएफ गली, खुटला, खिन्नीनाका, रहुनिया, फूटा कुआं, बंगाली टोला, कटरा, जरैली कोठी, मर्दननाका, सुदामापुरी, स्वराज कालोनी, आवास विकास कालोनी जैसे मोहल्लों में ट्रिपिग की समस्या ने लोगों को रुलाकर रख दिया है। जिन घरों में एसी लगे हैं, वह तेज आवाज के साथ बंद हो जाते हैं। कई घरों में कीमती बिजली उपकरण तक फुंक चुके हैं। जिससे जेब पर भी असर पड़ रहा है।
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बोले लोग
बिजली संकट ने रात की नींद उड़ा दी है। फोन करने पर कर्मचारी और अधिकारी उठाते नहीं हैं। पावर हाउस का बेसिक फोन आउट ऑफ आर्डर बताता है। आखिर हम लोग अपनी समस्या किससे कहें।
रितुरंजन दीक्षित, सिविल लाइन्स
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लो वोल्टेज की समस्या के चलते बल्ब ऐसे लगते हैं मानों चिराग रोशन हो रहे हैं। कई बार रोशनी के लिए मोबाइल फोन या टार्च का सहारा लेना पड़ता है। बारिश के मौसम में कीड़े-मकोड़े का डर अलग बना रहता है। बिजली की आंख-मिचौनी ने परेशान कर रखा है।
अंकित गुप्ता, स्वराज कालोनी
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रात में बिजली गुल होते ही नींद टूट जाती है। परिवार के साथ छत पर टहलना मजबूरी बन गई है। फ्रिज शोपीस से ज्यादा कुछ नहीं है। आए दिन तार टूट जाता है। खतरा बना रहता है। बिजली विभाग से बात करने पर जवाब मिलता है कि ओवरलोडिग के चलते टूटा है।
महेश प्रताप सिंह, डीसीडीएफ कालोनी
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व्यापार पर खासा असर पड़ा है। रात में नींद नहीं पूरी होती है और दिनभर दुकान पर बैठना भारी पड़ रहा है। फ्रीजर काम नहीं करने से मिठाई खराब हो जाती है। शारीरिक रूप से थकान और आर्थिक नुकसान दोनों झेल रहे हैं।
कन्हैया गुप्ता, दुकानदार