बांदा में एफसीआइ ने चावल लेने से खड़े किए हाथ, धान खरीद प्रभावित

संवाद सहयोगी अतर्रा (बांदा) फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) ने मानकों की कमी बता क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 11:00 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 11:00 PM (IST)
बांदा में एफसीआइ ने चावल लेने से खड़े किए हाथ, धान खरीद प्रभावित
बांदा में एफसीआइ ने चावल लेने से खड़े किए हाथ, धान खरीद प्रभावित

संवाद सहयोगी, अतर्रा (बांदा) : फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआइ) ने मानकों की कमी बता करके सरकारी केंद्रों में खरीदे गए धान से तैयार चावल लेने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इससे राइस मिल मालिक भी केंद्रों से धान नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में खरीद प्रभावित है। शिकायत पर डीएम ने एडीएम की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय टीम गठित करके शुक्रवार को धान की जांच कराई। इसमें भी मानक पर चावल खरा नहीं उतरा। शासन को इसकी रिपोर्ट भेजी जा रही है।

जिलाधिकारी ने 24 नवंबर की बैठक में क्रय केंद्रों से धीमी उठान पर राइस मिल मालिकों पर नाराजगी जाहिर की थी। इसपर मिल मालिकों ने शिकायत की थी कि एफसीआइ ने चावल में मानकों की कमी बता माल लेने से इन्कार कर दिया है। डीएम ने चावल के मानकों की जांच के लिए एडीएम संतोष बहादुर सिंह के नेतृत्व में 11 सदस्यीय समिति गठित की।

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टीम में ये रहे शामिल

टीम में नरैनी एसडीएम वंदिता श्रीवास्तव, डिप्टी आरएमओ गोविद उपाध्याय, एफसीआइ प्रबंधक डीके गौतम, क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीएफ पुष्पेंद्र कुशवाहा, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी समीर शुक्ला, मंडी सचिव रवींद्र तिवारी, मिलर्स भुवनेश पांडेय, दिनेश उपाध्याय और प्रगतिशील किसान महेंद्र त्रिपाठी व शाहिद अली को शामिल किया गया था।

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बिसंडा क्रय केंद्र के धान की अतर्रा लाकर जांच

शनिवार को अतर्रा में संचालित उच्च तकनीक की मिल में धान परीक्षण कराने टीम पहुंची। बिसंडा के क्रय केंद्र से 250 बोरी में 100 क्विंटल धान कस्बे के अखिल भुवन इंडस्ट्रीज में मंगाया। अधिकारियों की देखरेख में परीक्षण कराया गया। इसमें तैयार चावल में रिकवरी 55.54 फीसद (40.800 चावल व 14.700 क्विंटल टूटन) रही। नमी 15 फीसद, ब्रोकन 43 फीसद व डैमेज 1.7 फीसद निकला है। यह मानक पर खरा नहीं है। जिला प्रशासन अब जांच रिपोर्ट शासन को भेजेगा, जिससे कुछ रियायत मिल सके। वहीं, जब मिल मालिकों व डिप्टी आरएमओ की मांग पर एडीएम ने समिति सदस्य एफसीआइ प्रबंधक डीके गौतम से अपने क्रय केंद्र से भी धान मंगाकर परीक्षण को कहा तो उन्होंने विभागीय अधिकारियों के निर्देश न होने की बात कह जांच कराने से इन्कार कर दिया।

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अक्सर निकलती हैं ये कमी

- क्रय नीति के तहत खरीदे जाने वाले चावल में 25 फीसद ब्रोकन व तीन फीसद डैमेज की छूट है। इस वर्ष आ रहे चावल में ब्रोकन 18 फीसद अधिक है, जबकि डैमेज एक फीसद ज्यादा यानी चार फीसद है। इसीलिए चावल रिजेक्ट किया गया है।

-डीके गौतम, एफसीआइ प्रबंधक

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जिले में इस वर्ष उत्पादित धान से तैयार हुए चावल के परीक्षण में मानक से अधिक ब्रोकन व रिकवरी कम निकली है। शासन को परीक्षण रिपोर्ट भेज करके रियायत मांगी गई है, जिससे धान खरीद में दिक्कत न आए।

-गोविद उपाध्याय, जिला खाद्य विपणन अधिकारी

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