कोरोना संक्रमण के भय पर भारी भक्तों की आस्था

कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन के नियमों व सख्ती पर शिव भक्तों की आस्था आखिर भारी पड़ी। सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में भक्तों की सुबह से भारी भीड़ उमड़ी। हालांकि श्रद्धालु शिव लिग तक नहीं पहुंच पाए। पाइप के जरिए ही दूर से रुद्राभिषेक किया। भगवान भोले नाथ की आराधना कर मन्नतें मांगी। इस दौरान मंदिरों के बाहर फूल बिल्लपत्र और भांग-धतूरे की दुकानें सजीं। आस्था के सामने भक्तों के चेहरों पर कोरोना का भय नहीं नजर आया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Jul 2020 06:57 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 06:05 AM (IST)
कोरोना संक्रमण के भय पर भारी भक्तों की आस्था
कोरोना संक्रमण के भय पर भारी भक्तों की आस्था

जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन के नियमों व सख्ती पर शिव भक्तों की आस्था आखिर भारी पड़ी। सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में भक्तों की सुबह से भारी भीड़ उमड़ी। हालांकि श्रद्धालु शिव लिग तक नहीं पहुंच पाए। पाइप के जरिए ही दूर से रुद्राभिषेक किया। भगवान भोले नाथ की आराधना कर मन्नतें मांगी। इस दौरान मंदिरों के बाहर फूल, बेलपत्र और भांग-धतूरे की दुकानें सजीं। आस्था के सामने भक्तों के चेहरों पर कोरोना का भय नहीं नजर आया।

सावन की शुरुआत अबकी सोमवार से हुई है। इस वर्ष विशेष दुर्भल संयोग के साथ आए सावन में भक्तों की आस्था सिर चढ़कर बोली। प्रशासन ने भीड़ को रोकने के लिए प्रमुख शिवालयों में पहरा बैठाया था। बैरीकेडिग की गई थी। साथ ही मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य किया गया था, लेकिन सोमवार को सुबह से ही भक्तों ने शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में लाइन लगा दी। शहर के बामदेश्वर मंदिर में भगवान शिव के दर्शन को भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी। यहां मुख्य गेट से अंदर तक सुरक्षा कर्मी लगाए गए। साथ ही दूसरे द्वार पर बैरीकेडिग की गई थी। साथ ही शिवलिग के पहले जाली लगाकर भक्तों को रोका गया था। ताकि वह मूर्ति का स्पर्श न कर सकें। यहां से 10 फीट दूरी तक पाइप लगाया गया था। भक्तों ने इसी पाइप के सहारे दुग्धाभिषेक कर बेलपत्र, बेर और भांग-धतूरा आदि अर्पित किया। शिवलिग के दर्शन भक्तों को दूर से ही करने पड़े। पुजारी पुत्तन महाराज ने बताया कि भगवान भोलेनाथ भक्तों का सभी कष्ट हरेंगे वह चाहे कोरोना या अन्य कोई संकट। उधर, कालिजर प्रतिनिधि के अनुसार ऐतिहासिक, धार्मिक एवं पौराणिक दुर्ग कालिजर में भगवान नीलकंठ के दर्शनों के लिए सुबह 5 बजे से भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों को ऑनलाइन टिकट लेने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। दुर्ग के ऊपर मोबाइल का नेटवर्क न होने से ई-टिकट नहीं मिला। लोगों ने नीचे आ कर टिकट आनलाइन बुक करने पड़े। इसके बाद ही दुर्ग में प्रवेश मिला। अव्यवस्था के कारण कई श्रद्धालु पूजन से वंचित रह गए। संवाद सहयोगी पैलानी के अनुसार शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तों ने शारीरिक दूरी के साथ पूजन-अर्चन किया। खप्टिहाकलां के मां पाथेश्वरी मंदिर, गढ़ी दाई मंदिर, बांदा-हमीरपुर मार्ग स्थित कालेश्वर मंदिर, अलोना मार्ग स्थित काली देवी मंदिर में सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ रही। बालेश्वर मंदिर के पुजारी ब्रह्माचारी ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले लोगों के हाथ सैनिटाइज कराए गए।

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