बिजली उपभोक्ता को 20 वर्ष बाद मिला न्याय
जागरण संवाददाता बांदा बिजली विभाग ने उपभोक्ता के यहां कनेक्शन कटने के बाद भी करीब नौ ह
जागरण संवाददाता, बांदा : बिजली विभाग ने उपभोक्ता के यहां कनेक्शन कटने के बाद भी करीब नौ हजार रुपये वसूल लिए। पीड़ित ने 20 वर्ष पहले उपभोक्ता फोरम में बिजली विभाग के अधिकारियों को पक्षकार बनाते हुए वाद दायर किया। शुक्रवार को जुर्माना व 12 फीसद ब्याज के साथ बिजली विभाग ने फोरम के माध्यम से पीड़ित को 36,906 रुपये का चेक सौंपा।
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग की तत्कालीन पीठ के अध्यक्ष महेश चंद्र निगम, वरिष्ठ सदस्या आशा सिंह और कैलाश प्रसाद त्रिवेदी ने नरैनी के मोतियारी गांव के रहने वाले बलराम पुत्र फल्लूम के मामले में वर्ष 2001 में अधिशाषी अभियंता विद्युत विभाग, उप खंड अधिकारी अतर्रा, चेयरमैन विद्युत लखनऊ, तहसीलदार नरैनी के विरुद्ध निर्णय पारित किया था। आदेश दिया गया था की नौ जनवरी 1995 के बाद जारी विद्युत बिल निरस्त किए जाते हैं। फीस लेकर इसे तत्काल पीडी करें। साथ ही विभाग ने उपभोक्ता से जो 9,085 रुपये अधिक वसूल किए हैं वह और एक हजार रुपये मुकदमा खर्चा के साथ दो माह में अदा करें। अन्यथा 9085 पर 12 फीसद ब्याज अदा करनी होगी। विद्युत विभाग ने इस निर्णय के विरुद्ध राज्य उपभोक्ता आयोग लखनऊ में अपील की। राज्य आयोग की पीठ के सदस्य राम चरण चौधरी और राज कमल गुप्ता ने बिजली विभाग की अपील निरस्त कर दी। जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष तूफानी प्रसाद और सदस्य अनिल कुमार चतुर्वेदी ने बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता को नोटिस जारी किया। कहा कि वह जिला उपभोक्ता आयोग की तत्कालीन पीठ द्वारा पारित आदेश का अनुपालन करें। अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। इस पर विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता ने आयोग में 36,906 रुपये जमा कर सुलह कर ली। शुक्रवार को पीड़ित किसान बलराम को अधिवक्ता अखिलेश कुमार अग्निहोत्री की मौजूदगी में चेक सौंपा गया। जिला उपभोक्ता आयोग के रीडर स्वतंत्र रावत ने यह जानकारी दी।