कभी भी हादसे का सबब बन सकता दुरेड़ी रेलवे अंडरपास
जागरण संवाददाता बांदा दुरेड़ी-पहरा (एमपी) रोड पर बना रेलवे का अंडरपास कभी भी खतरे
जागरण संवाददाता, बांदा : दुरेड़ी-पहरा (एमपी) रोड पर बना रेलवे का अंडरपास कभी भी खतरे का सबब बन सकता है। हल्की बारिश में ही यह तालाब का रूप ले लेता है। एकलव्य महाविद्यालय व नवोदय विद्यालय भी इसी अंडरपास से होकर ही जाया जा सकता है। कई गांवों के लोगों का आवागमन इसी रास्ते से होता है। इसके अलावा कुछ अन्य स्कूल भी इसी रास्ते में पड़ते हैं। बड़ी संख्या में मध्य प्रदेश की सीमा पर पड़ने वाले गांवों के लोग भी इसी रास्ते से आते हैं।
आमजन की सुविधा व सुरक्षा के लिए रेलवे ने अंडरपास का निर्माण कराया है। इनमें से एक है दुरेड़ी अंडरपास। करीब छह से ज्यादा गांव इस रास्ते पर पड़ते हैं। बारिश के दिनों में यह किसी तालाब से कम नजर नहीं आता है। यह दीगर बात है कि जब पानी कमर के ऊपर तर पहुंच जाता है तो विभागीय पंप के जरिए इसका पानी निकलवा दिया जाता है। बारिश होते ही फिर वही हालात बन जाते हैं। इससे होकर गुजरना ही एकलव्य महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं की मजबूरी बन जाता है। सबसे बड़ी दिक्कत अंडरपास का घुमावदार होना है। अगर कोई घटना हो जाए तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और पानी में फंसे लोगों की मदद भी बमुश्किल हो पाएगी। ऐसा नहीं कि स्थानीय लोगों ने शिकायतें नहीं कीं पर रेलवे का पुल होने के चलते स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी भी हाथ खड़े कर देते हैं।
सदर तहसील में आने वाला बांदा- दुरेड़ी मार्ग यह भूमिगत पुल आवागमन में सुविधा तो बना पर बारिश में किसी आफत से कम नहीं है। बारिश में हर साल यह अंडरपास तालाब ही नजर आता है। कमर के ऊपर से अधिक पानी के बीच से होकर निकलना लोगों की मजबूरी है। भूमिगत पुल की दीवारों से फौव्वारे के रूप में गिरता पानी निर्माण के दौरान अनदेखी की भी कलई खोलता है। हालांकि दीवारों में आईं दरारें भरने की भी कई बार कोशिश की गई पर बारिश का पानी गिरना बंद नहीं हुआ।