1628 मतदेय स्थलों में दिव्यांगों को नहीं सुलभ शौचालय
जागरण संवाददाता बांदा जिले में पंचायत चुनाव के मतदान के लिए महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं।
जागरण संवाददाता, बांदा : जिले में पंचायत चुनाव के मतदान के लिए महज कुछ ही दिन शेष बचे हैं। ऐसे में मतदेय स्थल बने अधिकांश परिषदीय विद्यालय में कई पंचवर्षीय की कवायद के बाद दिव्यांगों के लिए सुविधाओं का अभाव है। वह मतपेटिका तक निर्बाध रूप से कैसे पहुंचे इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। सालों पहले बेसिक शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों ने इन विद्यालयों में 14 पैरामीटर्स से संतृप्त करने का आदेश दिया जिसे एक साल बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिश्चंद्रनाथ ने शासन के निर्देशों के क्रम में पांच अप्रैल को जिले के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर बताया कि जिले में 1729 परिषदीय विद्यालय संचालित हैं। इनमें से महज 101 विद्यालयों में दिव्यांगों के लिए सुलभ शौचालय की व्यवस्था है। ऐसे में चुनाव ड्यूटी में लगे दिव्यांग व मतदान करने आए दिव्यांगों को यदि सुलभ शौचालय की जरूरत पड़ी तो 1628 मतदान केंद्रों पर उन्हें परेशानी ही उठानी पड़ेगी। एक मतदेय स्थल में लगभग एक हजार मतदाता का आकलन प्रशासन करता है। इसी तरह बेसिक शिक्षा अधिकारी ने उच्चाधिकारियों को बताया कि 1729 विद्यालयों में से 1469 विद्यालय परिसर में दिव्यांग सुलभ रैंप व रेलिग हैं। 260 मतदान केंद्रों पर दिव्यांगों को पहुंचने के लिए न ही रैंप है न ही सहारे के लिए रेलिग। वहीं दूसरे का सहारा लेने पर पीठासीन अधिकारी के साथ पुलिस की सख्ती उन्हें अलग झेलनी पड़ेगी। 260 मतदान केंद्र की मतपेटी तक दिव्यांगों को पहुंचाने के लिए प्रशासन के पास कोई विकल्प नहीं है न ही पंचायत चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने इस ओर ध्यान दिया है।