देश के विकास का 'मॉडल' बनेगा बुंदेलखंड

रांची से आए आइआइएम के प्रोफेसर डा.नितिन यहा जिलाधिकारी द्वारा स्टार्टप इनोवेशन जल संरक्षण व सुपोषण सहित विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा गए अभियान के मुरीद दिखे। उन्होंने कई गांवों में जाकर अभियानों का अध्ययन किया। इसे पूरे देश में लागू करने के लिए शासन स्तर पर पहल करने की जरूरत बताई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 05:50 PM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 05:50 PM (IST)
देश के विकास का 'मॉडल' बनेगा बुंदेलखंड
देश के विकास का 'मॉडल' बनेगा बुंदेलखंड

प्रदीप द्विवेदी, बांदा: अपनी तमाम विशेषताओं के बावजूद सूखा, गरीबी, पलायन और पिछड़ेपन के लिए चर्चित बुंदेलखंड अब नकारात्मक धारणा से बाहर निकल रहा है। सिर्फ जलसंरक्षण का जखनी मॉडल ही नहीं बल्कि अन्य अभियानों की गूंज भी केंद्र सरकार तक पहुंच चुकी है। ग्राम्य विकास मंत्रालय बुंदेलखंड मॉडल के आधार पर देश भर में विकास कराने की योजना बना रहा है। इसी सिलसिले में आइआइएम रांची के प्रोफेसर डा. नितिन को इन योजनाओं का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है।

बीते दो दशक में लगातार सूखे की मार और राजनीति ने बुंदेलखंड के असल स्वरूप की कहीं पीछे छोड़ दिया है। देश में इस इलाके की पहचान गरीबी और पिछड़ेपन के रूप में हो रही है। बुंदेलखंड के माथे से इस दाग को मिटाने के लिए जिलाधिकारी हीरालाल ने पहल शुरू की। एक-दो नहीं बल्कि पांच ऐसे अभियान छेड़े जो राष्ट्रीय फलक पर चमक उठे। केंद्र सरकार ने इस सकारात्मक पहल का स्वागत किया। नीति आयोग ने बांदा के जखनी मॉडल की तर्ज पर देश भर में 1030 गांव विकसित किए जाने योजना बनाई। अब ग्राम्य विकास मंत्रालय भी आगे आया है। पांच दिन पहले मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) रांची के प्रोफेसर नितिन सिंह यहां पहुंचे और यहां चलाए जा रहे अभियान, उनके क्रियान्वयन और सफलता का बारीकी से अध्ययन किया। बकौल प्रो. नितिन वास्तव में बुंदेलखंड में अब सामाजिक बदलाव दिखने लगा है। जल संरक्षण के प्रति लोगों की अवधारणा बदल रही है। खेती- किसानी के प्रति भी लोगों में अब दिलचस्पी बढ़ी और और मजदूरों का पलायन कम हो रहा है।

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ऐसे तैयार की रिपोर्ट

प्रो. नितिन ने महोखर गांव में अधिकारियों के साथ कुआं और तालाबों की पड़ताल की। बेंदा गांव में हैंडपंप के पास बनाए रिचार्ज पिट व तालाब देखे। वनसखा गांव में कुपोषण मिटाने के लिए चलाए जा रहे सुपोषण अभियान का अध्ययन किया और ग्रामीणों से बातचीत भी की और अधिकारियों के साथ बैठकर उनके सुझाव भी लिए।

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डीएम के चर्चित कदम

- इनोवेशन स्टार्टअप समिट

- 90 प्लस वोटिंग अभियान

- जेल सुधार कार्यक्रम

- जल संरक्षण

- सुपोषण अभियान जिले में विकास को गति देने के लिए जल प्रबंधन से लेकर हर क्षेत्र में कार्य किया गया है। केंद्र सरकार के निर्देश पर आइआइएम रांची के प्रोफेसर नितिन सिंह ने पांच दिन यहां रहकर सभी का अध्यन किया। अब वे केंद्र सरकार को रिपोर्ट सौपेंगे।

हीरालाल, डीएम, बांदा

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