किसानों के फसली ऋण के इंतजाम में बांदा आगे
जागरण संवाददाता बांदा किसानों को फसली ऋण देने में बांदा सबसे आगे है। चित्रकूट धाम मंडल
जागरण संवाददाता, बांदा: किसानों को फसली ऋण देने में बांदा सबसे आगे है। चित्रकूट धाम मंडल में चालू वित्तीय वर्ष के अंतर्गत पौने तीन लाख से अधिक केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड) बनाये जाने हैं। जिसमें सवा दो लाख से ज्यादा बन चुके हैं। जिसमें अकेले बांदा ने एक लाख से अधिक केसीसी बनाये हैं।
बुंदेलखंड का मुख्य व्यवसाय खेती है। यहां साल के दो रबी व खरीफ किसानी के प्रमुख मौसम हैं। सरकार किसानों को खाद बीज के साथ फसली ऋण भी देती है। इसके लिये व्यावसायिक व सहकारी बैंकों से केसीसी जारी किये जाते हैं। इस साल चित्रकूट धाम मंडल में दो लाख 76 हजार 130 कुल केसीसी बनाये जाने हैं।जिसमें दो लाख 25 हजार व्यावसायिक व 51 हजार 107 सहकारी बैंकों को बनाना है। कृषि विभाग के आकड़ो के मुताबिक लक्ष्य के सापेक्ष व्यावसायिक बैंको ने एक लाख 90 हजार 263 व सहकारी बैंकों ने 39 हजार 337 केसीसी बना लिए हैं। मंडल के चारों जिलों में बांदा सबसे आगे है। यहां अब तक एक लाख 14 हजार 513 लक्ष्य पर एक लाख एक हजार 256 केसीसी बन चुके हैं। केसीसी प्रगति के मामले में हमीरपुर दूसरे, चित्रकूट तीसरे व महोबा चौथे स्थान पर है। हालांकि अभी वित्तीय साल के करीब चार माह शेष हैं। विभाग का दावा है कि साल के अंदर लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा।
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व्यवसायिक बैंकों को ज्यादा बनाने है केसीसी
बांदा: मंडल में केसीसी बनाने का काम सहकारी बैंकों के साथ व्यावसायिक बैंको को भी मिला है। जिसमे सबसे ज्यादा दो लाख 25 हजार 23 केसीसी व्यावसायिक व 51 हजार 107 सहकारी बैंकों को बनाना है।
- मंडल में केसीसी बनाने की प्रगति अच्छी है। आठ माह में 83 प्रतिशत कार्य हो चुका है। शेष लक्ष्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। उमेश कटियार, संयुक्त कृषि निदेशक, चित्रकूट धाम मंडल।
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सारिणी-
केसीसी का लक्ष्य व प्रगति
जनपद लक्ष्य प्रगति
बांदा 114513 101256
हमीरपुर 56682 47942
चित्रकूट 38580 31840
महोबा 66355 48562
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योग 276130 229600
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आंकड़े स्रोत- कृषि विभाग