कोरोना काल में सभी अधिकारी व कर्मचारियों ने दिया योगदान : गौतम

जागरण संवाददाता बांदा कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के एक-एक अधिकारी-कर्मचारी ने जान-जो

By JagranEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 07:18 PM (IST) Updated:Fri, 08 Oct 2021 07:18 PM (IST)
कोरोना काल में सभी अधिकारी व कर्मचारियों ने दिया योगदान :  गौतम
कोरोना काल में सभी अधिकारी व कर्मचारियों ने दिया योगदान : गौतम

जागरण संवाददाता, बांदा : कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के एक-एक अधिकारी-कर्मचारी ने जान-जोखिम में डालकर लोगों का उपचार किया। आज उसी का नतीजा है कि जनपद कोरोना मुक्त हो चुका है। यह बातें अपर निदेशक डा.आरबी गौतम ने शुक्रवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित मीडिया कार्यशाला में कहीं।

स्टेशन रोड स्थित एक होटल में आयोजित कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी अपर निदेशक (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डा.आरबी गौतम ने कहा कि कायाकल्प अवार्ड योजना में चित्रकूट और महोबा जैसे पिछड़े जनपदों का भी स्थान आने लगा है, अभी तक ऐसा नहीं होता था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.वीके त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया समाज में बदलाव लाने का सशक्त माध्यम है। पहले मातृ-शिशु मृत्यु दर अधिक हुआ करती थी। लोग तमाम तरह के अंधविश्वास से जकड़े हुए थे। प्रसव के बाद प्रसूता और नवजात की देखभाल में भी तमाम कुरीतियां हावी थीं , लेकिन धीरे-धीरे इसमें बदलाव आया। डिप्टी सीएमओ डॉ.एमसी पाल ने कहा कि सीफार ने मीडिया और विभाग के बीच काम करते हुए स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जन-जन तक पहुंचाने में नया मुकाम बनाया है। जनपद में लक्षित आबादी के मुकाबले 84 फीसदी लोगों को कोविड के टीके लगाए जा चुके हैं। किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। लक्ष्य हासिल कर लेते हैं तो कोरोना की संभावित तीसरी लहर को आसानी से हरा पाने में सफल होंगे। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के नोडल अधिकारी डॉ.मनोज कौशिक ने बताया कि जनपद में इस योजना के तहत कुल 138516 परिवारों में 692580 लाभार्थी हैं। अब तक 162533 लोगों के आयुष्मान कार्ड जारी हो चुके हैं। योजना से आबद्ध 10 सरकारी और छह प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क उपचार मिल रहा है। उन्होंने वेक्टर जनित रोगों के विषय में भी विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष 19632 रक्त पट्टिकाएं बनाई गई, जिसमें 13 में मलेरिया की पुष्टि हुई है, 25 डेंगू के संभावित मरीज मिले हैं। मच्छरों की रोकथाम और निरोधात्मक कार्रवाई के लिए 1449 टीमें लगाई गई हैं।

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