अलग-अलग मामलों में बिजली विभाग पर 22 हजार रुपये जुर्माना

जागरण संवाददाता बांदा जिला उपभोक्ता आयोग ने बिजली विभाग से संबंधित मामलों की सुनवाई करते ह

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 05:53 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 05:53 PM (IST)
अलग-अलग मामलों में बिजली विभाग पर 22 हजार रुपये जुर्माना
अलग-अलग मामलों में बिजली विभाग पर 22 हजार रुपये जुर्माना

जागरण संवाददाता, बांदा : जिला उपभोक्ता आयोग ने बिजली विभाग से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हुए तीन अलग-अलग मामलों में 22 हजार रुपये जुर्माना किया। साथ ही उपभोक्ता को मनमानी तरीके से भेजे गए बिलों को निरस्त कर दिया। उपभोक्ता द्वारा विभाग के पास जमा किए गए रुपयों को अगले बिलों में समायोजित करने का आदेश दिया।

शहर के नोनिया मोहाल निवासी हरिशंकर पुत्र छोटेलाल के मामले में जिला उपभोक्ता आयोग अध्यक्ष तूफानी प्रसाद और अनिल कुमार चतुर्वेदी ने सुनवाई की। याचिका स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि 12 अक्टूबर से 19 नवंबर 2009 तक भेजे गए बिल निरस्त किए जाते हैं। विद्युत विभाग औसत उपभोग के आधार पर संशोधित बिल जारी करे। बिल जमा हो जाने पर विद्युत विभाग कनेक्शन जोड़कर विद्युत आपूर्ति चालू करे। उन्होंने मानसिक कष्ट के लिए 5 हजार रुपए और वाद दायर करने के लिए दो हजार जुर्माना एक माह के अंदर अदा करने को कहा। इस मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष कुमार सिंह ने की। इसी तरह आंबेडकर नगर मुहल्ला निवासी रामशरण राठौर पुत्र भाऊ के मामले में अधिशाषी अभियंता विद्युत वितरण को आदेश दिया कि उपभोक्ता का विद्युत भार दो किलो वाट से घटाकर एक किलोवाट करें। इसी आधार पर बिल निर्गत किए जाएं। वादी की जमा अतिरक्त राशि 6830 जो अधिक वसूल ली गई है। आगामी बिल में समायोजित करें। मानसिक तनाव के लिए तीन हजार और मुकदमा खर्च दो हजार रुपए अदा करें। मामले की पैरवी अधिवक्ता मुशीहुल हक ने की। उधर, खुरहंड रेलवे स्टेशन बिगहना गांव निवासी शिवकांति पत्नी बुद्ध विलास के मामले की भी सुनवाई की। पीठ ने आदेश दिया कि विपक्षी आदेश की तिथि से एक माह के अंदर परिवादिनी के घर में कनेक्शन देकर विद्युत आपूर्ति चालू करे। कहा कि चूंकि वादिनी के परिसर में कोई कनेक्शन दिया जाना सिद्ध नहीं होता इसलिए विपक्षी द्वारा जारी सभी बिल निरस्त किए जाते हैं। मानसिक तनाव के लिए तीन हजार और मुकदमा खर्च दो हजार एक माह में अदा करें। मामले की पैरवी अधिवक्ता अवधेश कुमार गुप्ता ने की। पछौंहा (कमासिन) निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र अंगनुवा के मामले में वादी का वाद आंशिक रूप से स्वीकार किया गया। आयोग ने बिजली विभाग से जारी 41653 रुपये विद्युत बिल को निरस्त कर दिया। आदेश दिया कि वह एक माह के अंदर वादी को मानसिक तनाव के लिए तीन हजार और मुकदमा खर्च दो हजार रुपए अदा करें। वहीं आयोग ने आंबेडकर नगर मुहल्ला निवासी जगदीश पुत्र रामकुमार के मामले को साक्ष्य के अभाव में निरस्त कर दिया।

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