आग न मचाए हाहाकार, मदद को दमकल 24 घंटे तैयार

आग से भीषण तबाही मचती है। पछुआ हवाओं के चलने से एक चिगारी देखते ही देखते लोगों के

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 10:33 PM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 10:33 PM (IST)
आग न मचाए हाहाकार, मदद को दमकल 24 घंटे तैयार
आग न मचाए हाहाकार, मदद को दमकल 24 घंटे तैयार

- गर्मी के दस्तक देते ही जिले में आग की विनाशलीला शुरू हो गई है। हर साल आग से भीषण तबाही मचती है। पछुआ हवाओं के चलने से एक चिगारी देखते ही देखते लोगों के मकान, दुकान व फसलों को राख कर देती है। आग की त्रासदी से निपटने के लिए जिले का अग्निशमन विभाग 24 घंटे तत्पर है। यूं तो सदर ब्लॉक के धर्मपुर, तुलसीपुर थाना के बैरक व उतरौला में दमकल वाहन उपलब्ध हैं, लेकिन सीमित संसाधनों के सहारे जिले भर की आग बुझाने का प्रयास किया जाता है। ऐसे में यदि दमकल के पहुंचने से पहले लोग थोड़ी सतर्कता व सावधानी बरतें, तो बड़ी तबाही को रोका जा सकता है। दमकल बुलाने के लिए अब 101 नंबर डायल करने के बजाय 112 पर संपर्क करना चाहिए। कंट्रोल रूम नंबर 100, 101 व 102 का विलय 112 में कर दिया गया है। इस पर फोन मिलाने पर कंट्रोल रूम से फायर सर्विस, पुलिस व एंबुलेंस को एक साथ कॉल कर घटनास्थल की ओर रवाना किया जाता है। ऐसी ही तमाम जानकारियों को साझा करने के लिए अग्निशमन प्रभारी राजमंगल सिंह बुधवार को दैनिक जागरण बलरामपुर कार्यालय में मौजूद रहे। उन्होंने पाठकों के प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।

सवाल : नगर में आग लगने पर पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती है। सड़क किनारे अतिक्रमण के कारण हाइडेंट बंद हैं। ऐसे में आपात स्थिति से कैसे निपटा जाए?

-शादाब, पुरैनिया तालाब जवाब : नगर में फायर हाइडेंट क्रियाशील नहीं हैं। वीर विनय चौराहा व मुख्य बाजार में बने हाइडेंट सड़क के नीचे दब चुके हैं। इसके लिए नगर पालिका अध्यक्ष व जल निगम के अवर अभियंता को पत्र लिखा जा चुका है। टैंक खाली होने पर पानी लेने के लिए पहले चीनी मिल जाना पड़ता है। सवाल : हरैया क्षेत्र काफी पिछड़ा है। हर साल गर्मी के मौसम में फूस के मकान व खेत जल जाते हैं। तुलसीपुर व जिला मुख्यालय की दूरी अधिक है। मदद पहुंचने तक सब कुछ राख हो जाता है। क्या ब्लॉक स्तर पर अग्निशमन केंद्र नहीं बन सकता है? -मनीष कुमार, हरैया सतघरवा

जवाब : जिला मुख्यालय के धर्मपुर के अलावा उतरौला व तुलसीपुर तहसील स्तर पर अग्निशमन केंद्र है। वहीं से जिले भर में आग बुझाने का प्रयास किया जाता है। ब्लॉक स्तर पर अभी कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। सवाल : गैंसड़ी बाजार में आग लग जाने पर काबू पाने के लिए क्या तत्काल कोई व्यवस्था है?

-सुनील कुमार वैश्य, गैंसड़ी

जवाब : तुलसीपुर थाना में फायर सर्विस यूनिट है। पचपेड़वा में अग्निशमन केंद्र के लिए विधायक स्तर से प्रयास किया जा रहा है, जो अभी स्वीकृत नहीं हुआ है। गैंसड़ी में अग्निशमन केंद्र के लिए विधायक व सांसद स्तर से ही प्रयास किया जा सकता है। सवाल : अग्निकांड होने पर 101 नंबर मिलाया जाता है, लेकिन संपर्क नहीं हो पाता है।

-देवांश, ललिया

जवाब : कंट्रोल रूम नंबर 101, 100 व 102 को अब 112 में विलय कर दिया गया है। इस पर फोन मिलाने पर लखनऊ के कंट्रोल रूम से बात होगी। वहां से संबंधित थाना की पुलिस, एंबुलेंस व फायर सर्विस को एक साथ सूचना मिल जाती है। अब सिर्फ यही एक नंबर मिलाकर तीनों की सुविधा मिल रही है। इसके साथ ही थाना पर भी सूचना दे सकते हैं। त्वरित सहायता की जाएगी। सवाल : गांवों में आग लग जाने पर लोगों के फूस के मकान व खेत जल जाते हैं। सूचना देने के काफी देर बाद भी दमकल नहीं पहुंचता है।

-धर्मेद्र सिंह, कौवापुर

जवाब : गर्मी में पछुआ हवाएं चलने से आग तेजी से फैलती है। आग से हाहाकार न मचे, इसके लिए विभाग 24 घंटे तत्पर है। सूचना मिलते ही दमकल निकल लेती है। वाहनों की कमी के कारण सभी थानों पर दमकल की व्यवस्था नहीं हो सकी है। दूरी अधिक होने पर थोड़ा समय लग जाता है। सवाल : आग लगने पर दमकल पहुंचने में समय लगता है। ऐसे में फौरी तौर पर क्या किया जाए, जिससे आग पर काबू पाया जा सके।

-अवधेश तिवारी, ललिया

जवाब : पहले तो यह निर्भर करता है कि आग कहां लगी है। यदि छप्पर जला है तो देखें कि कोई व्यक्ति या पशु फंसा तो नहीं है। पहले उसे बाहर निकालकर सुरक्षित करें। इसके बाद जहां तक आग है, उसके आगे के छप्पर को गिराकर पानी डाला जाए। खेत में आग लगने पर करीब 50 मीटर छोड़कर आगे खेत की जोताई कर देनी चाहिए। इससे आग फैलने से रुक जाती है। तब तक अग्निशमन कर्मियों के पहुंचने के बाद यथासंभव मदद तो की ही जाएगी। सवाल : उतरौला के बदलपुर में बना अग्निशमन केंद्र हमेशा बंद रहता है। अग्निकांड की घटनाएं शुरू हो गईं हैं। ऐसे में अग्निशमन केंद्र की कोई उपयोगिता नहीं है।

-सुमित श्रीवास्तव, उतरौला

जवाब : उतरौला का अग्निशमन केंद्र अभी निर्माणाधीन है। यहां फिलिग का कार्य बाकी होने के कारण हस्तांतरण नहीं हो सका है। कार्यदायी संस्था यूपीसिडको ने 80 प्रतिशत कार्य पूरा होने की बात कही है। गर्मी में उसी निर्माणाधीन परिसर में एक दमकल खड़ी रखी जाती है, जो सूचना मिलने पर मदद के लिए निकलती है। सवाल : स्कूल में अग्निशमन यंत्र लगा रखा है। इसकी रिफलिग कितने समय अंतराल पर करानी चाहिए। -डॉ. आशुतोष शुक्ल, वात्सल्य स्कूल

जवाब : कौन सा संयंत्र लगा है, पहले यह देखना पड़ेगा। इसके बाद ही रिफिलिग का तरीका बताया जा सकता है। जो भी अग्निशमन यंत्र हो, उसकी रिफिलिग व जांच के लिए कार्यालय पर ला सकते हैं।

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