यहां लड़खड़ा रहा दिव्यांग खिलाड़ियों का सहारा

खेल विभाग को मिला है पैरा खिलाड़ियों का जिम्मा संसाधनों के अभाव में कुंद हो रही प्रतिभा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 10:26 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 10:26 PM (IST)
यहां लड़खड़ा रहा दिव्यांग खिलाड़ियों का सहारा
यहां लड़खड़ा रहा दिव्यांग खिलाड़ियों का सहारा

बलरामपुर : लड़खड़ाती जिदगी में भी हिम्मत न हारने वाले पैरा खिलाड़ियों के ख्वाबों को उड़ान नहीं मिल पा रही है। संसाधन व प्रशिक्षक के अभाव में व्हील चेयर पर बैठ ओलंपिक में तिरंगा लहराने की ख्वाहिश मुरझा रही है। वजह, खेल विभाग पैरा खिलाड़ियों को सहारा देने की जहमत नहीं उठा रहा है। खेल विकास व प्रोत्साहन समिति के माध्यम से दिव्यांग खिलाड़ियों को स्टेडियम में संसाधन मुहैया कराने का दायित्व मिला है। बावजूद इसके कोई मदद न मिलने से खिलाड़ियों की प्रतिभा कुंद हो रही है।

खुद के खर्च का बोझ ढो रहे पैरा खिलाड़ी :

जिले में दिव्यांग खिलाड़ियों का कोई पुरसाहाल नहीं है। वह निजी खर्च पर प्रशिक्षण लेते हैं। यहां तक कि खुद के पैसे पर ही कोच रखना पड़ता है। राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में आने-जाने का किराया, होटल में रहने व भोजन का व्यय भी खुद उठाना पड़ता है। खेल विभाग से कोई मदद न मिलने से पैरा खिलाड़ियों की पौध जिले में तैयार नहीं हो पा रही है। प्रशिक्षक व संसाधनों के अभाव में उनकी प्रतिभा निखर नहीं पा रही है। खेल विभाग को पैरा खेलों का जिम्मा मिलने के बाद पैरा एथलीटों के दिन बहुरने की उम्मीद जगी थी, लेकिन अफसरों की उदासीनता भारी पड़ रही है।

दुनिया के सामने आएगी प्रतिभा :

नेशनल पैरा एथलीट हर्षव‌र्द्धन मणि दीक्षित का कहना है कि सरकार ने पैरा खिलाड़ियों को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए खेल निदेशालय को जिम्मा दिया है, लेकिन जिम्मेदार उसकी मंशा को पलीता लगा रहे हैं। पैरा खिलाड़ी भी उतनी ही मेहनत करते हैं, जितने कि सामान्य, लेकिन उन्हें अपेक्षित सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। संसाधन कराए जाएंगे उपलब्ध :

अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि दिव्यांग खिलाड़ियों को सुविधाएं मुहैया कराने के प्रस्ताव को शासन से हरी झंडी मिली है। खेल निदेशालय के निर्देशन में पैरा खिलाड़ियों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। इस संबंध में क्रीड़ाधिकारी से वार्ता की जाएगी।

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