पर्यटन की संभावनाएं अपार, सपना न हो सका साकार
इकोटूरिज्म के लिए बनाई गई थी योजना मिलें 85 करोड़ तो पर्यटन को लगें पंख
- राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर विशेष :
बलरामपुर : जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे मूर्त रूप देने के लिए जनपद भ्रमण के दौरान अफसरों के साथ चर्चा भी की थी। सोहेलवा जंगल में स्थित जलाशयों का सुंदरीकरण कराने, गेस्ट हाउस, पुलिस चौकी, मोटरबोट व पर्यटकों को लुभाने के लिए अन्य सुविधा मुहैया कराने की योजना बनाई गई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से अटल संकुल बनाने की योजना को मूर्त रूप दिया जाना है।
संकुल में बाराबंकी के महादेव, परिजात वृक्ष, श्रावस्ती, शक्तिपीठ देवीपाटन, गोंडा के पृथ्वीनाथन व रामजन्म भूमि अयोध्या समेत अन्य धार्मिक स्थलों के साथ सोहेलवा वन्य जीव प्रभाग को शामिल करने की योजना बनी, लेकिन पर्यटन का सपना साकार नहीं हो सका है।
- प्राकृतिक सुंदरता की छटा देखने के लिए पर्यटकों को नेपाल सीमा से सटे क्षेत्र तक ले जाने की योजना कोरोना महामारी के कारण परवान नहीं चढ़ सकी। तुलसीपुर में स्थित 51 शक्तिपीठों में शुमार देवीपाटन मंदिर में देश व विदेशी धार्मिक पर्यटकों की आमद पूरे साल रहती है। विशेषकर नवरात्र में उनकी संख्या बढ़ जाती है। तुलसीपुर बौद्ध सर्किट से भी जुड़ा है। इस कारण श्रावस्ती व लुंबनी की यात्रा पर आने वाले विदेशी मेहमानों को सोहेलवा जंगल की सैर कराने के लिए आसानी से लुभाया जा सकता है।
इकोटूरिज्म के लिए बनी योजना :
- जिले में इकोटूरिज्म के विकास की कवायद वर्ष 2019 में शुरू की गई थी। नेपाल सीमा पर सोहेलवा जंगल से सटे क्षेत्र में पर्यटकों को लुभाने के लिए 85 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया। भगवानपुर व चित्तौड़गढ़ जलाशय की सिल्ट सफाई कर जल संग्रहण क्षमता को बढ़ाना था। जलाशयों से सटे जंगल में नेचुरल ट्रैक का निर्माण होना है, ताकि पर्यटक जल क्रीड़ा के साथ सोहेलवा की वादियों का लुत्फ उठा सकें। दोनों जलाशयों की सफाई करके गहरा किया जाएगा। बोटिग के साथ पैरासिलिग की व्यवस्था की जाएगी। जलाशय के किनारे बांध तक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। यहां साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा। आसपास के लोग साइकिल किराए पर देकर लोगों को सैर कराएंगे। पास के थारू गांव मड़नी सड़नी में थारूहट बनाकर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रस्ताव मंजूर होने पर होगा कार्य :
- अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि दोनों जलाशयों व थारू बहुल गांव मड़नी-सड़नी का निरीक्षण कर प्रस्ताव किया गया था। सीमावर्ती क्षेत्र में इकोटूरिज्म विकसित करने के लिए 85 करोड़ की मांग लंबित है।