नजदीक है त्योहार..और फुस्स हुआ पटाखे का बाजार
लाइसेंसधारकों ने पटाखा व्यापार से पीछे खींचे हाथ नहीं सुनाई पड़ रही दीपावली की धूम
बलरामपुर :दीपावली का नाम सुनते ही आतिशबाजी की तस्वीर जेहन में उभर आती है। हर साल रेडीमेड आतिशबाजी की बिक्री एक पखवाड़ा पहले ही मनिहार व गांव गली की दुकानों में शुरू हो जाती थी। इस बार उतरौला के बढ़या भैसाही के आतंकी अबू यूसुफ की गिरफ्तारी व डेढ़ माह पूर्व नगर के गदुरहवा मुहल्ले में हुए विस्फोट से जिला थर्रा गया। इसकी दहशत पटाखा लाइसेंस धारकों में भी है। धमाके के बाद पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू किया, तो पटाखा व्यवसायियों के रोंगटे खड़े हो गए। नतीजा, लाइसेंस धारकों ने पटाखे के व्यापार से हाथ पीछे खींच लिए हैं। पटाखा व्यापारी अपना लाइसेंस निरस्त कराने के लिए सरेंडर कर रहे हैं।
23 के पास है पटाखा बिक्री का लाइसेंस :
-जिले में शहर से लेकर गांव तक मनिहारों की दुकान पर आतिशबाजी का सामान आसानी से मिल जाता है। अनलॉक-5 में ढील मिलने के बाद सहालग का दौर तेज हुआ, तो आतिशबाजी की भी मांग बढ़ी। अग्निशमन विभाग के मुताबिक जिले में कुल 25 लोगों को पटाखा बिक्री का लाइसेंस मिला है। इनमें से दो लाइसेंस अभी निलंबित हैं। 23 लाइसेंसधारी अपने परमिट के मुताबिक 50, 25 व 12.5 किलोग्राम रेडीमेड पटाखा बेच सकते हैं। लाइसेंस का नवीनीकरण मार्च व दिसंबर में किया जाता है।
नहीं दिख रही दीपावली की धूम :
-नगर के गदुरहवा मुहल्ले में विस्फोट होने के बाद पुलिस ने पटाखा व्यापारियों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी। जांच से घबराकर चार व्यापारियों ने लाइसेंस निरस्त करने के लिए सरेंडर कर दिया। यही वजह है कि दो माह पहले ही सुनाई पड़ने वाली फुलझड़ी, चटाई, लहसुन बम की गमक फुस्स हो गई है। इससे दीपावली की धूम नहीं दिख रही है।
कराई जा रही जांच :-अग्निशमन प्रभारी राजमंगल सिंह का कहना है कि पटाखा व्यापारियों के लाइसेंस व स्टॉफ की जांच कराई जा रही है। बिना नवीनीकरण व निर्धारित स्थल के अन्यत्र पटाखा न बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।