झारखंडी स्टेशन की कहानी, यहां यात्री सुविधाएं बेमानी
झारखंडी रेलवे स्टेशन पर नहीं है बुनियादी सुविधाएं शौचालय व पानी की टोटियां बदहाल
बलरामपुर : गोंडा-गोरखपुर रेल प्रखंड पर स्थित झारखंडी रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाएं न के बराबर हैं। रोजाना यहां से दस हजार से अधिक लोग अपना सफर शुरू करते हैं। गोंडा, लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, मुंबई, बढ़नी, नौगढ़, गोरखपुर को जाने वाली ट्रेनें इस स्टेशन से पर ठहरती हैं। बड़ी लाइन शुरू होने के पांच साल बाद भी नगर के मुख्य रेलवे स्टेशन पर समस्याएं बरकरार हैं। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल का कहना है कि रेलवे के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अवगत कराया जाएगा।
बुनियादी सुविधाओं का है अभाव :
- स्टेशन पर लगे चारों हैंडपंपों का पानी पीने लायक नहीं है। यात्रियों के बैठने के लिए पर्याप्त बेंच हैं और न ही शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है। पेयजल आपूर्ति के लिए बने स्टैंड में लगी टोटियां शोपीस हैं। बेंच की कमी होने से यात्रियों को जमीन पर बैठकर ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। शौचालय गंदगी से पटे हैं। सफाई न होने से यात्री इसका उपयोग नहीं कर पाते। सबसे ज्यादा दिक्कत महिला यात्रियों को उठानी पड़ती है।
यात्रियों की परेशानी, उन्हीं की जुबानी :
-पहलवारा निवासी राजेंद्र गुप्त का कहना है प्लेटफार्म पर बैठने के लिए पर्याप्त बेंच न होने से ट्रेन के इंतजार में घंटों खड़े रहना मजबूरी है। शिक्षक गौरव शुक्ल ने बताया कि आटोमेटिक टिकट वेंडिग मशीन (एटीवीएम) अक्सर खराब रहती है। इससे टिकट के लिए लंबी लाइन लगानी पड़ती है।
धुसाह निवासी आशुतोष मिश्र ने कहाकि शौचालय गंदा व क्षतिग्रस्त होने से प्रयोग करने लायक नहीं है। महिला यात्रियों को परेशानी होती है। भगवतीगंज निवासी पंकज शर्मा का कहना है कि स्टेशन पर शुद्ध पानी नसीब नहीं है। तीन हैंडपंप दूषित पानी दे रहे हैं, जबकि एक खराब है।