स्पो‌र्ट्स अनुदान में खेल, संसाधनों की गुणवत्ता फेल

2221 स्कूलों में खेल सामग्री खरीदने के लिए मिले थे 14335000 रुपये कमीशनखोरी की भेंट चढ़ी योजना

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 Jan 2021 09:43 PM (IST) Updated:Sun, 31 Jan 2021 09:43 PM (IST)
स्पो‌र्ट्स अनुदान में खेल, संसाधनों की गुणवत्ता फेल
स्पो‌र्ट्स अनुदान में खेल, संसाधनों की गुणवत्ता फेल

बलरामपुर : जिले के परिषदीय स्कूलों में खेल सामग्री खरीद में जमकर खेल किया गया। कोरोना महामारी के कारण बच्चे स्कूल नहीं आए। पूरे सत्र पठन-पाठन भी शुरू नहीं हुआ, लेकिन उनके खेल उपकरण की खरीद में खूब खेल हुआ। स्पो‌र्ट्स अनुदान के तहत 1575 प्राथमिक स्कूलों में पांच हजार व 646 उच्च प्राथमिक स्कूलों में दस हजार रुपये के हिसाब से 1,43,35,000 रुपये खर्च किए गए। इनडोर व आउटडोर खेल उपकरण की खरीद में 30 फीसद कमीशन के खेल से गुणवत्ता विहीन सामग्री खरीद ली गई। अफसरों ने कागजों में ही गुणवत्ता जांच कर क्लीन चिट दे दी।

बिना चयन समिति के हुई खरीद :

स्कूलों में खेल सामग्री के चयन के लिए प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में समिति गठित करनी है। इसमें विद्यालय प्रबंध समिति अध्यक्ष, दो जागरूक अभिभावक, शारीरिक शिक्षा अनुदेशक व व्यायाम शिक्षकों को शामिल किया जाना है। स्टॉक रजिस्टर में खेल सामग्री का अंकन व प्रत्येक छात्र के रुचि के खेलों की सूची तैयार करनी थी, जबकि इसके विपरीत अधिकांश स्कूलों में बिना चयन समिति के मनमाने ढंग से गुणवत्ताविहीन खेल उपकरण खरीद लिए गए।

आपूर्तिकर्ता को मिला लाभ :

विद्यालय स्तर पर प्रतिदिन कक्षावार समय निर्धारित कर बच्चों को खेलकूद का अभ्यास कराने की मंशा चालू सत्र में कोरोना महामारी के कारण परवान नहीं चढ़ सकी। बताते हैं कि नगर के एक प्रभावशाली आपूर्तिकर्ता की बेसिक शिक्षा विभाग में बल्ले-बल्ले है।

प्राथमिक स्कूलों में 3500 व उच्च प्राथमिक में सात हजार का सामान ही स्कूलों में पहुंचाया गया, जबकि शिक्षकों ने कुल निर्धारित धनराशि का चेक सामग्री विक्रेता के नाम से काट दिया। व्यापारी ने अधिकारियों से साठगांठ कर ड्रेस आपूर्ति में भी गुपचुप निविदा प्रकाशित कर खूब लाभ कमाया। अब जब बच्चे पूरे साल स्कूल आए नहीं, तो अफसरों को भी जांच से फुर्सत मिल गई है।

गुणवत्ता की होगी जांच :

बीएसए डॉ. रामचंद्र का कहना है कि खेल उपकरणों के गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। विद्यालय में खेल उपकरण की उपलब्धता व रखरखाव के बारे में रिपोर्ट ली जाएगी।

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