24 अस्पतालों में लगा आरोग्य मेला, कम आए मरीज

अधिकांश केंद्रों पर मरीजों का इंतजार करते रहे डाक्टर मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला कोरम पूरा करने तक सिमटा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 10:16 PM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 10:16 PM (IST)
24 अस्पतालों में लगा आरोग्य मेला, कम आए मरीज
24 अस्पतालों में लगा आरोग्य मेला, कम आए मरीज

बलरामपुर : 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का आयोजन किया गया। अधिकांश अस्पतालों में समय से पहुंचे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी दिन भर बैठकर मरीजों का इंतजार करते रहे। मेले में गिने चुने लोग ही पहुंचे।

नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डा. रजत शुक्ल ने आए हुए मरीजों का इलाज किया। फार्मासिस्ट समीर व स्वास्थ्य कर्मी शुभम गुप्ता ने जरूरतमंदों को दवाएं बांटी। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बलरामपुर ग्रामीण के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिसई में डा. कमाल अशरफ, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जोकहिया में डा. जावेद अख्तर ने आए हुए मरीजों का इलाज किया। इनके अलावा अन्य अस्पतालों में भी मेले का आयोजन किया गया। अधिकांश अस्पतालों में मरीज ही नहीं आए। इलाज करने पहुंचे चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी समय बिता कर लौट गए।

झूठी रिपोर्ट गढ़ते अफसर :

- विभाग के मुखिया का रविवार के दिन जिले में न होना मेले को अव्यवस्था का शिकार बना रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी की अनुपस्थिति में उनके अधीनस्थ अधिकारी किसी भी केंद्र पर मेले की व्यवस्था देखने नहीं जाते हैं। इससे मेले का समुचित लाभ ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। बिना देखे शाम को मेले की फर्जी रिपोर्टिग कर दी जाती है।

ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट जन आरोग्य मेला जिले में उपयोगी साबित नहीं हो रहा है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीपी सिंह ने बताया कि अधीक्षकों को मेले का प्रचार कराने के निर्देश पूर्व में ही दिए गए थे। लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।

200 गर्भवतियों की हर हाल में करनी होगी जांच

बलरामपुर : प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान मातृत्व दिवस मंगलवार को है। इस दिन अधिक से अधिक गर्भवतियों की जांच कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में कम से कम 200 गर्भवती की जांच कराना अनिवार्य होगा।

अन्य अस्पतालों का यह लक्ष्य कम से कम 100 रखा गया है। यही नहीं प्रत्येक आयोजन स्थल पर एक एमबीबीएस डाक्टर जरूर रहेगा। दोपहर तक गर्भवती अस्पताल में रहेगी तो उसे जननी सुरक्षा योजना से भोजन भी दिया जाएगा।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. बीपी सिंह ने बताया कि जांच के लिए सिर्फ छठवें व नौवें माह की गर्भवती को ही लाया जाना है, इसके लिए सभी अधीक्षकों, चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है। निगरानी के लिए 19 अधिकारी लगाए गए हैं।

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