भोजन ही नहीं जिदगी में भी चटखारा लाएगा अचार

बलरामपुर समूह गठन के सहारे स्वावलंबी बन कुछ नया करने की ठान चुकी महिलाएं अब गरीबी स

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 10:58 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 10:58 PM (IST)
भोजन ही नहीं जिदगी में भी चटखारा लाएगा अचार
भोजन ही नहीं जिदगी में भी चटखारा लाएगा अचार

बलरामपुर : समूह गठन के सहारे स्वावलंबी बन कुछ नया करने की ठान चुकी महिलाएं अब गरीबी संग भोजन की थाली से भी फीकापन दूर करने जा रही हैं। गैंड़ासबुजुर्ग के मिश्रौलिया गांव में 30-35 महिलाओं ने 16 क्विटल आम का अचार तैयार किया है, जो शीघ्र ही अन्य ब्रांड के अचार को टक्कर देगा।

'चटखारा' ब्रांड के इस अचार में महिलाओं ने मसाले को मशीन की जगह घर पर परंपरागत तरीके से तैयार किया है। कच्चे चूल्हे पर लोहे की कढ़ाई में सरसों के शुद्ध तेल में भुना मसाला बाजार में महंगे व मिलावटी अन्य अचारों से ज्यादा स्वाद पैदा कर रहा है। लोगों को अधिक पंसद आने के कारण यह आचार करीब दो क्विटल महिलाओं के घर से ही 30 हजार रुपये में बिक गया। मांग व मुनाफा अधिक देखकर अब इसे दूर के बाजारों में पहुंचाने की तैयारी है।

महिलाओं ने लखनऊ से पांच हजार डिब्बे मंगवाए गए हैं। इनमें पैक कर इन्हें आसपास के बाजारों में भेजा जाएगा। ऐसे में यह न केवल सामान्य लोगों की भोजन थाली से फीकापन दूर करेगा, बल्कि मुनाफा देकर गरीबी से जूझ रही घरेलू महिलाओं की जिदगी में भी समृद्धि के चटखारे लगाएगा।

सीडीओ को भाया स्वाद, महिलाओं को होने लगा मुनाफा:

अचार बना रही महिलाओं की अगुवाई कर रही अंजू का कहना है कि अचार बनाने में 100 रुपये प्रति किग्रा खर्च आता है, जबकि बाजार में यह 150 रुपये में आसानी से बिक जाता है। मुनाफा देख महिलाएं अब लहसुन, अम्मार, कटहल, शिमला मिर्च, बड़हल, अदरक, मिर्चा से भी आचार बनाने जा रही हैं।

इसकी मांग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीडीओ रिया केजरीवाल तक भी इसकी खूबियां पहुंच चुकी हैं। उन्होंने आचार की ब्रांडिग कराने का आश्वासन दिया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक अनिमेष श्रीवास्तव का कहना है कि अचार डिब्बों में पैकिग कराने के बाद इसकी सभी ब्लाक कार्यालय पर आजीविका मिशन के पटल पर बिक्री कराई जाएगी।

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